पटना मेट्रो, जो हाल ही में एक सप्ताह पहले शुरू हुई थी, अब अपनी सेवाओं का विस्तार करने की तैयारी में है। पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (PMRC) के अधिकारियों के अनुसार, बढ़ती यात्री मांग को देखते हुए दूसरी तीन-कोच वाली ट्रेन को पटना मेट्रो नेटवर्क में शामिल किया जाएगा। यह कदम मेट्रो संचालन के अगले चरण के रूप में लिया जा रहा है, जिससे यात्री क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी, और यह शहर की पहली मेट्रो प्रणाली के रूप में यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेगा।
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पटना मेट्रो की बढ़ती लोकप्रियता और यात्री मांग
पटना मेट्रो के उद्घाटन के बाद से, यात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। मेट्रो की शुरुआत के तीन दिनों में ही 20,000 से अधिक यात्रियों ने इसका उपयोग किया। वर्तमान में, पाटलीपुत्र बस टर्मिनल और भूतनाथ रोड के बीच केवल एक ट्रेन चल रही है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए PMRC ने दूसरी ट्रेन सेट लीज़ करने का फैसला लिया है, जो एक समर्पित उप और डाउन सेवाएं चलाएगी।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC), जो पटना मेट्रो के संचालन और तकनीकी समर्थन का जिम्मेदार है, को जल्द से जल्द दूसरी ट्रेन सेट तैनात करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग द्वारा की गई हालिया निरीक्षण के बाद लिया गया। उन्होंने तत्काल दूसरे ट्रेन की तैनाती का सुझाव दिया, ताकि सेवा की आवृत्ति बढ़ाई जा सके और यात्रियों की सुविधा में सुधार हो सके।
पटना मेट्रो की शुरुआत पर सकारात्मक प्रतिक्रिया
पटना मेट्रो के उद्घाटन के बाद से ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों से यात्रा करने वाले लोग इसकी सफाई, आरामदायक वातानुकूलित कोचों और सुचारू संचालन की तारीफ कर रहे हैं। परिवार, छात्र और ऑफिस जाने वाले लोग सोशल मीडिया पर अपनी मेट्रो यात्रा के अनुभव साझा कर रहे हैं, जिसमें उन्हें उच्च गुणवत्ता की सेवा का अनुभव हो रहा है। पटना की पहली मास रैपिड ट्रांजिट प्रणाली ने शहर में एक नया युग शुरू किया है, जिसे लोग पसंद कर रहे हैं।
हालांकि, एक बड़ी चुनौती पार्किंग की रही है। मेट्रो के प्रमुख स्टेशनों पर पार्किंग की समस्या उत्पन्न हो रही है। PMRC ने इसे स्वीकार किया है और बताया है कि स्थायी पार्किंग सुविधाओं पर काम चल रहा है। फिलहाल, सभी संचालन स्टेशनों पर अस्थायी पार्किंग और पिक-अप/ड्रॉप-ऑफ ज़ोन बनाए गए हैं। एक वरिष्ठ PMRC अधिकारी ने कहा, “यात्रियों की प्रतिक्रिया हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक रही है। हम पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और ट्रेन की आवृत्ति को जल्दी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।”
पटना मेट्रो के अन्य गलियारों पर निर्माण कार्य
वहीं, पटना मेट्रो के अन्य गलियारों पर निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। मलाही पकड़ी और पटना विश्वविद्यालय के बीच 1.5 किलोमीटर का सुरंग निर्माण पूरा कर लिया गया है। पाटना विश्वविद्यालय से पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी तक सुरंग निर्माण कार्य जारी है।
इसके अलावा, शहर के पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में भी उन्नत लाइनों का निर्माण हो रहा है। यह elevated corridors खेमनीचक और मितापुर (बायपास) के बीच और सगुना मोर से पाटलीपुत्र स्टेशन (दानापुर) तक बनाए जा रहे हैं। इन corridors का निर्माण पाटना में यातायात कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है, जिससे शहर के प्रमुख क्षेत्रों में यात्रा और तेज हो सकेगी।
आगामी प्रमुख चरण: भूमिगत स्टेशन और सुरंग का निर्माण
पटना मेट्रो का अगला महत्वपूर्ण चरण पटना जंक्शन और रुकनपुरा के बीच 9.35 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण और छह भूमिगत स्टेशनों का निर्माण है। यह Corridors 1 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी लागत लगभग ₹2,565.80 करोड़ है। भूमिगत हिस्से में पटना जंक्शन, विद्युत भवन, विकास भवन, पाटना चिड़ियाघर, राजाबाजार और रुकनपुरा स्टेशन होंगे। इस परियोजना के पूरा होने में लगभग 42 महीने लगने का अनुमान है।
पटना मेट्रो: ₹13,925 करोड़ की परियोजना
मेट्रो परियोजना दो प्रमुख गलियारों पर आधारित है, जिनमें रेड लाइन (16.86 किलोमीटर) और ब्लू लाइन (14.56 किलोमीटर) शामिल हैं। यह परियोजना कुल ₹13,925.5 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है, जिसे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA), भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा सह-फंडेड किया गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य पाना शहर में 24 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण करना है, जो शहर के प्रमुख ट्रांजिट हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों और आवासीय इलाकों को जोड़ेंगे। पूरी मेट्रो नेटवर्क का निर्माण 2027 तक पूरा होने का लक्ष्य है।
पटना मेट्रो की भविष्यवाणी
पटना मेट्रो परियोजना का उद्देश्य शहर में सार्वजनिक परिवहन को एक नया रूप देना है। एक बार यह पूरी तरह से संचालित हो जाने के बाद, यह शहर के यातायात को बहुत हद तक कम करेगा, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और यात्रा में तेजी आएगी। मेट्रो के विभिन्न गलियारों और स्टेशनों के निर्माण से शहर के प्रमुख क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, और यह लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए एक स्थिर और सुरक्षित विकल्प बनेगा।
इसकी शुरुआत के साथ ही पटना में मेट्रो एक महत्वपूर्ण परिवहन प्रणाली के रूप में उभर कर सामने आ रही है, जो शहरवासियों को तेज, किफायती और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी।
चुनौतियाँ और समाधान: बढ़ती मांग को पूरा करना
जैसा कि किसी भी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में होता है, पटना मेट्रो के सामने भी अपनी चुनौतियाँ हैं। पार्किंग की समस्या, निर्माण में देरी, भूमि अधिग्रहण और मौजूदा परिवहन प्रणालियों के साथ एकीकरण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, इन समस्याओं का समाधान करने के लिए एक मजबूत योजना बनाई जा रही है, और मेट्रो के संचालन में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
नई ट्रेन सेट की तैनाती, निर्माण कार्य में तेजी और मेट्रो स्टेशनों के आसपास सुविधाओं को बढ़ाने के उपाय इस बात को दर्शाते हैं कि पटना मेट्रो अधिकारियों ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
पटना मेट्रो परियोजना एक सफल शुरुआत कर चुकी है, और इसके भविष्य को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया, बढ़ती मांग और निर्माण कार्य में हो रही प्रगति से यह साफ है कि पटना मेट्रो आने वाले वर्षों में शहर के परिवहन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
जैसे-जैसे निर्माण कार्य पूरा होगा और मेट्रो नेटवर्क विस्तारित होगा, पटना के निवासियों को बेहतर और तेज़ कनेक्टिविटी का अनुभव मिलेगा। पटना मेट्रो न केवल एक परिवहन सेवा है, बल्कि यह शहर के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
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