KKN गुरुग्राम डेस्क | पूर्व मध्य रेलवे (ECR) में डिजिटल टिकटिंग को बढ़ावा देने के लिए लगाए गए ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) के माध्यम से टिकट बिक्री में बिहार का मुजफ्फरपुर स्टेशन शीर्ष पर पहुंच गया है। सीनियर डीसीएम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर जंक्शन प्रतिदिन औसतन 3,963 टिकटों की बिक्री कर रहा है, जो कि पूरे जोन में सबसे अधिक है।
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क्या है एटीवीएम और क्यों है यह जरूरी?
एटीवीएम (Automatic Ticket Vending Machine) भारतीय रेलवे की डिजिटल पहल का हिस्सा हैं। ये मशीनें यात्रियों को बिना लाइन में लगे अनारक्षित टिकट, प्लेटफार्म टिकट आदि लेने की सुविधा देती हैं। यात्री स्मार्ट कार्ड या यूपीआई (UPI) के जरिए इन मशीनों पर पेमेंट कर सकते हैं।
मुजफ्फरपुर की सफलता का रहस्य
मुजफ्फरपुर स्टेशन पर कुल 6 एटीवीएम लगाए गए हैं। इन मशीनों से प्रतिदिन औसतन 3,963 टिकट बेचे जा रहे हैं। स्टेशन पर इन मशीनों की सही जगह पर तैनाती, यात्रियों को जागरूक करने के लिए नियुक्त फैसिलिटेटर और डिजिटल पेमेंट की सुविधा जैसे कारणों से यह सफलता मिली है।
बिहार में शीर्ष 10 स्टेशन – एटीवीएम टिकट बिक्री के आंकड़े
रैंक | स्टेशन | प्रति दिन औसत टिकट बिक्री |
---|---|---|
1 | मुजफ्फरपुर | 3,963 |
2 | पटना जंक्शन | 2,357 |
3 | खगड़िया | 1,844 |
4 | हाजीपुर | 1,514 |
5 | बेगूसराय | 1,423 |
6 | मानसी | 847 |
7 | सोनपुर | 801 |
8 | सहरसा | 762 |
9 | पाटलीपुत्रा जंक्शन | 489 |
10 | नवगछिया | 459 |
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि डिजिटल टिकटिंग अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों में भी इसका तेजी से विस्तार हो रहा है।
यूपीआई और स्मार्ट कार्ड की सुविधा
अब एटीवीएम से टिकट खरीदने के लिए स्मार्ट कार्ड के अलावा यूपीआई पेमेंट का भी विकल्प दिया गया है। यात्री मशीन पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन कर मोबाइल ऐप जैसे PhonePe, Google Pay या Paytm से भुगतान कर सकते हैं। इससे नकद की आवश्यकता नहीं पड़ती और प्रक्रिया तेज होती है।
फैसिलिटेटर की मदद
रेलवे ने हर मशीन के पास एक ATVM फैसिलिटेटर को तैनात किया है, जो यात्रियों को मशीन का इस्तेमाल करने में मदद करता है। इससे तकनीकी रूप से कम जानकार लोग भी डिजिटल टिकटिंग का लाभ उठा पा रहे हैं।
अधिकारियों की भूमिका
मुजफ्फरपुर स्टेशन की इस उपलब्धि पर सीनियर डीसीएम रोशन कुमार ने DRM विवेक भूषण सूद को स्मार्ट कार्ड देकर डिजिटल टिकटिंग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया। DRM ने कहा कि मुजफ्फरपुर एक रोल मॉडल बन सकता है और अन्य स्टेशनों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
यात्रियों ने बताया कि एटीवीएम से टिकट खरीदना आसान और सुविधाजनक है:
“अब टिकट लेने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ती। मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन करो और तुरंत टिकट मिल जाता है।” — रमेश सिंह, हाजीपुर यात्री।
“स्मार्ट कार्ड से टिकट खरीदना तो और भी आसान है। सिर्फ टैप करो और टिकट तैयार है।” — रेखा कुमारी, बेगूसराय से छात्रा।
डिजिटल इंडिया में रेलवे की भागीदारी
एटीवीएम और स्मार्ट कार्ड जैसी पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का अहम हिस्सा हैं। इसका उद्देश्य है कि यात्री सेवा को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और संपर्करहित बनाया जाए।
भविष्य की योजनाएं
रेलवे जल्द ही छोटे स्टेशनों पर भी एटीवीएम की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। साथ ही, डिजिटल साक्षरता अभियान के जरिए लोगों को इस तकनीक से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
मुजफ्फरपुर स्टेशन ने दिखा दिया है कि डिजिटल परिवर्तन केवल बड़े शहरों का विशेषाधिकार नहीं है। तकनीक, जागरूकता और प्रशासन की इच्छाशक्ति से कोई भी स्टेशन देशभर में उदाहरण बन सकता है। एटीवीएम टिकटिंग में मिली यह सफलता भारतीय रेलवे के लिए एक प्रेरणादायक कदम है, जो भविष्य में अन्य स्टेशनों के लिए मार्गदर्शक बनेगा।
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