KKN गुरुग्राम डेस्क | केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को महाकुंभ में डुबकी लगाकर इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि, “लीजिए भाई, हमने भी कुंभ स्नान कर लिया। अब यदि किसी को पेट में दर्द हो रहा होगा तो हम उनका कुछ नहीं कर सकते। वैसे, लालू जी और ममता दीदी को कुछ ज्यादा ही समस्या होगी।” मांझी का यह बयान एक समय उस विवाद के संदर्भ में था, जब लालू यादव ने दिल्ली में हुए भगदड़ में हुई मौतों के बाद कुंभ मेला को फालतू बताया था और ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्युकुंभ’ का नाम दिया था।
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लालू यादव और ममता बनर्जी पर सीधा हमला
जीतनराम मांझी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि लाखों लोग गंगा में स्नान कर रहे हैं, और यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है। इस दौरान उन्होंने लालू यादव और ममता बनर्जी की टिप्पणियों का विरोध किया। लालू यादव ने हाल ही में दिल्ली में हुई भगदड़ के बाद कुंभ मेला को निरर्थक करार दिया था, जबकि ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्युकुंभ’ कहते हुए एक विवाद खड़ा किया था।
जीतनराम मांझी ने कहा, “हम मानते हैं कि जो लोग इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं, उनका धर्म और विश्वास बहुत मजबूत है। यह आयोजन अनगिनत लोगों के लिए एक बहुत ही पवित्र अवसर है।”
कुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ पर मांझी ने प्रशासन का किया बचाव
जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि, “अनगिनत लोग यहां आ रहे हैं, करोड़ों लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। यह एक अद्भुत दृश्य है, और हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह सबको सद्बुद्धि दें।” उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए कहा, “हम योगी सरकार की प्रशंसा करते हैं और पूरे संसार को यह सिखाने का आह्वान करते हैं कि भारत में करोड़ों लोग एक साथ कैसे रह सकते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों में कैसे शामिल हो सकते हैं।”
प्रशासन और रेलवे पर उठे सवालों का किया विरोध
हालांकि, मांझी ने कुंभ मेले के दौरान हुई कुछ घटनाओं के संदर्भ में प्रशासन और रेलवे को दोषी ठहराने की बात को खारिज किया। उनका मानना है कि कुछ घटनाओं में यह नहीं हो सकता कि प्रशासन और रेलवे का कोई दोष हो। उन्होंने कहा, “हम मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति की बात करते हैं। हम हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, और यही प्रवृत्ति नुकसान पहुंचाती है।”
कुंभ का महत्व और भारतीय समाज की एकता
जीतनराम मांझी ने कुंभ मेले के आयोजन को भारतीय समाज की एकता और धार्मिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यहां पर लाखों लोग अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ एकत्रित हो रहे हैं, और यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है। हमें इस पर गर्व महसूस करना चाहिए, क्योंकि यह एकता का प्रतीक है।”
जीतनराम मांझी के कुंभ स्नान के बाद दिए गए बयानों से यह साफ है कि वह कुंभ मेला के महत्व को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं और किसी भी राजनीतिक आलोचना से इसे अलग रखते हैं। उनके अनुसार, कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारतीय समाज की एकता और विश्वास का प्रतीक है।
यह भी स्पष्ट है कि वह लालू यादव और ममता बनर्जी की आलोचनाओं को मानने के बजाय इस धार्मिक कार्यक्रम की महत्ता पर जोर देते हैं और प्रशासन की भूमिका को समझने का प्रयास करते हैं।
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