KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज है। इस बार एक और पूर्व IPS अधिकारी नुरुल होदा ने राजनीतिक मैदान में कदम रख दिया है। 1995 बैच के रिटायर्ड IPS अधिकारी नुरुल होदा अब विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का हिस्सा बन चुके हैं।
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VIP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने एक मिलन समारोह में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर नुरुल होदा ने कहा कि वे बिहार के 18% मुस्लिम वोटरों को VIP से जोड़ने की कोशिश करेंगे और साथ ही वक्फ कानून में गड़बड़ी के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएंगे।
कौन हैं नुरुल होदा?
नुरुल होदा बिहार के एक सीनियर और सम्मानित पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। प्रशासनिक सेवाओं में लंबे समय तक योगदान देने के बाद उन्होंने अब राजनीति में कदम रखा है। अपने करियर में उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है।
राजनीति में आने के पीछे उनका उद्देश्य है कि वंचित समाज, खासकर मुस्लिम समुदाय को एक मजबूत राजनीतिक मंच मिले, जो उनकी आवाज़ बुलंद कर सके।
VIP पार्टी क्यों बनी नुरुल होदा की पसंद?
अपनी पहली राजनीतिक सार्वजनिक उपस्थिति में नुरुल होदा ने मुकेश सहनी को सबसे सरल और सुलभ नेता बताया। उन्होंने कहा कि VIP पार्टी में जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम करने का अवसर मिलेगा।
उनका कहना है कि VIP एक ऐसी पार्टी है जो समाज के सभी वर्गों की भागीदारी पर भरोसा करती है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे वक्फ संपत्ति के दुरुपयोग के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के लिए तैयार हैं।
मुकेश सहनी की प्रतिक्रिया: VIP अब सिर्फ मल्लाह समाज की पार्टी नहीं
इस मौके पर VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि VIP अब सिर्फ मल्लाह समाज की पार्टी नहीं रही। उन्होंने कहा:
“हमारी पार्टी की पहचान मल्लाह समाज से है, लेकिन अब हमारा विस्तार सभी जातियों और धर्मों तक हो चुका है। मुस्लिम समाज सहित अन्य वर्ग तेजी से हमारे साथ जुड़ रहे हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि VIP, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आगामी चुनावों में सीटों का बंटवारा आपसी सहमति से तय होगा।
बिहार चुनाव 2025: मुस्लिम वोट बैंक पर VIP की नजर
बिहार में मुस्लिम आबादी लगभग 18 से 20 प्रतिशत है और यह किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। नुरुल होदा जैसे वरिष्ठ और ईमानदार चेहरे को शामिल कर VIP अब इस वर्ग को प्रतिनिधित्व और मंच देने का दावा कर सकती है।
VIP की रणनीति में शामिल हैं:
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मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में संगठन विस्तार
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वक्फ कानून में सुधार की मांग
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युवाओं को डिजिटल और रोजगार योजनाओं से जोड़ना
पूर्व अफसर की एंट्री से क्या बदलेगा समीकरण?
बिहार की राजनीति में यह पहली बार नहीं है जब कोई पूर्व अफसर राजनीति में आया हो। लेकिन नुरुल होदा की एंट्री इसलिए खास है क्योंकि:
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वे कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक अनुभव के साथ आए हैं।
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उनका स्वच्छ छवि और सुलझा हुआ व्यक्तित्व जनता को आकर्षित कर सकता है।
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वे मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग को राजनीतिक रूप से सक्रिय और संगठित कर सकते हैं।
VIP vs BJP: सियासी तल्खी बढ़ी
मुकेश सहनी ने अपने भाषण में BJP पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि:
“BJP जानती है कि बिहार में अगर कोई उनकी नैया पार लगा सकता है, तो वो मैं हूं। उन्होंने मेरे साथ जो किया, वो सबको पता है, लेकिन फिर भी वे आज भी मेरा इंतजार कर रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि BJP अब बिहार में कमजोर हो चुकी है।”
यह बयान स्पष्ट करता है कि VIP और BJP के बीच संबंध पूरी तरह टूट चुके हैं, और अब VIP विपक्ष की राजनीति को मजबूती देने की ओर बढ़ रही है।
आने वाले चुनावों में VIP की भूमिका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि VIP पार्टी की स्थिति अब पहले से मजबूत और परिपक्व हो चुकी है। अगर पार्टी मुस्लिम, पिछड़ा और दलित वर्ग के वोटों को एकजुट कर पाती है, तो RJD-कांग्रेस गठबंधन में इसका वजन और बढ़ेगा।
आने वाले दिनों में VIP:
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सीटों की मांग के साथ सामने आ सकती है
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अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प भी खुला रख सकती है
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स्थानीय नेताओं और पूर्व अधिकारियों को जोड़ने का सिलसिला तेज कर सकती है
पूर्व IPS अधिकारी नुरुल होदा की VIP में एंट्री न केवल VIP पार्टी के लिए, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। यह गठजोड़ साफ संकेत देता है कि VIP अब सिर्फ एक जाति आधारित पार्टी नहीं, बल्कि एक समावेशी और मुद्दा आधारित पार्टी बनने की ओर अग्रसर है।
आगामी चुनावों में अगर VIP अपने सामाजिक समीकरण को साधने में सफल होती है, तो यह पार्टी राजनीतिक संतुलन बदलने की ताकत रखती है।
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