बिहार में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य के पूर्वी और उत्तर मध्य भागों के ज़िलों के लिए Yellow Alert जारी किया है। इस अलर्ट के अनुसार इन क्षेत्रों में वज्रपात (Lightning), मेघगर्जन और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
Article Contents
दक्षिण बिहार की तुलना में उत्तर बिहार में बारिश अधिक होने के आसार हैं। विशेष रूप से अररिया, किशनगंज और सुपौल ज़िलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश (Heavy Rainfall) की चेतावनी दी गई है।
राज्य भर में हल्की से मध्यम बारिश, तापमान में गिरावट
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार शनिवार को पटना समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मधुबनी में तेज़ हवाएं चलीं, जिनकी रफ्तार 52 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंची।
इस बारिश और बादलों की मौजूदगी के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट देखी गई, जबकि न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई। राज्य में सबसे अधिक तापमान वाल्मीकि नगर और डेहरी में 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम तापमान सहरसा के अगवानपुर में 24.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर बिहार में अधिक बारिश, दक्षिण में अपेक्षाकृत कम
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर बिहार में मानसून अधिक सक्रिय है। यहां नियमित अंतराल पर बारिश और वज्रपात की घटनाएं हो रही हैं। दक्षिण बिहार के मुकाबले यहां का मौसम अधिक अस्थिर बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतर बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण है, जो बिहार के उत्तर हिस्सों में मौसम को अधिक प्रभावित कर रहा है।
बंगाल की खाड़ी से उठे सिस्टम का प्रभाव
बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसका असर गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ तक देखा जा सकता है।
इस प्रणाली के कारण बिहार में कई स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। विशेष रूप से रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, बक्सर और कैमूर ज़िलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
अगले 24 घंटे: बादल, तेज़ हवाएं और छिटपुट बारिश
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटों में पटना सहित कई इलाकों में बादलों की आवाजाही, तेज़ हवाएं और छिटपुट बारिश देखने को मिलेगी।
इन हालातों में स्थानीय प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पानी भराव, विजिबिलिटी में कमी और आवागमन पर असर की स्थिति बन सकती है।
उत्तर बिहार में तूफानी सिस्टम अधिक सक्रिय
उत्तर बिहार के ज़िलों में स्थानीय दबाव प्रणाली और मानसूनी हवाओं की टकराहट के कारण अधिक Cumulonimbus क्लाउड डेवलपमेंट हो रहा है। इससे वज्रपात और तेज़ बारिश की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन इलाकों में सुबह और रात के समय लाइटनिंग एक्टिविटी अधिक होती है, जिससे जान-माल की हानि की आशंका बनी रहती है।
खुले क्षेत्रों में कार्य कर रहे किसान, खासकर बिजली गिरने के समय, खेतों और पेड़ों के नीचे रुकने से बचें।
येलो अलर्ट: क्या सावधानियां जरूरी हैं?
Yellow Alert का मतलब होता है कि स्थिति सामान्य नहीं है और सतर्कता जरूरी है। इस स्तर का अलर्ट यह संकेत देता है कि आमजन को मौसम की जानकारी पर नजर रखनी चाहिए और बाहर निकलने से पहले सतर्क रहना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन को भी इसके आधार पर जल निकासी, राहत टीम तैनाती, और सूचनाएं प्रसारित करने जैसे कदम उठाने को कहा गया है।
आने वाले दिनों का मौसम परिदृश्य
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बिहार में आने वाले पांच से छह दिनों तक मानसून सक्रिय बना रहेगा। राज्य के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी, जो कभी-कभार तेज़ हो सकती हैं।
पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे शहरों में बारिश के कारण जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में खेतों में अधिक जलभराव से फसल प्रभावित हो सकती है, खासकर यदि जल निकासी व्यवस्था कमजोर है।
वर्षा के ऐतिहासिक रुझान
बिहार में आमतौर पर जून से सितंबर के बीच वर्षा होती है। औसतन, राज्य में 1000 से 1200 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन हर वर्ष यह आंकड़ा स्थान विशेष के अनुसार बदलता है।
जुलाई और अगस्त सबसे ज़्यादा वर्षा वाले महीने माने जाते हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में मौसम की अनियमितताएं, जैसे देर से मानसून, लंबी सूखा अवधि और अचानक भारी वर्षा की घटनाएं आम होती जा रही हैं।
जलवायु परिवर्तन का असर
क्लाइमेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिहार का मौसम तेज़ी से बदल रहा है। Bay of Bengal का वार्मिंग ट्रेंड, लगातार बढ़ता तापमान, और अधिक सक्रिय मानसून सिस्टम इसकी वजह हो सकते हैं।
इन बदलावों से निपटने के लिए जल निकासी योजना, आपदा प्रबंधन, और Weather Alert सिस्टम को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
किसानों और आम नागरिकों के लिए सुझाव
किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों से संपर्क में रहना चाहिए और मौसम आधारित सलाह के अनुसार काम करना चाहिए। फिलहाल खेतों में जल निकासी सुनिश्चित करें और नई बुआई से बचें जब तक बारिश सामान्य न हो।
आम नागरिकों को वज्रपात के समय पेड़ों, खंभों और जलस्रोतों से दूर रहना चाहिए। बिजली जाने की स्थिति में मोबाइल चार्ज रखें और घर में रहना बेहतर होगा।
सरकारी तैयारियां और निर्देश
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग ने ज़िलों के प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। राहत और बचाव टीमों को सतर्क किया गया है और अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पटना, गया, दरभंगा जैसे नगर निगमों को नालों की सफाई, कचरा निष्कासन, और जल निकासी मार्गों को अवरोध मुक्त करने का आदेश दिया गया है।
बिहार में इस समय Active Monsoon System बना हुआ है, और आगामी दिनों में इसका असर बना रहेगा। नागरिकों से अनुरोध है कि स्थानीय मौसम अपडेट पर ध्यान दें, घर से बाहर केवल ज़रूरत पर निकलें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.