KKN गुरुग्राम डेस्क | भोजपुरी अभिनेता और दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए को चिराग पासवान को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना चाहिए।
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“चिराग पासवान युवा हैं, तेजस्वी हैं, उनका अपना जनाधार है। अगर एनडीए उन्हें आगे करता है तो हम आसानी से चुनाव जीत सकते हैं,” — मनोज तिवारी
उनके इस बयान ने बिहार की राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है, खासकर तब जब नीतीश कुमार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
क्यों चिराग पासवान?
चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और दिवंगत नेता राम विलास पासवान के बेटे हैं। उन्होंने बिहार की राजनीति में अलग पहचान बनाई है:
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युवा और टेक-सेवी नेता की छवि
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मोदी सरकार के समर्थक
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नीतीश कुमार की आलोचना करते रहे हैं
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दलित समुदाय में मजबूत पकड़
अगर एनडीए उन्हें सीएम फेस बनाता है, तो इससे दलित मतदाता, युवा वर्ग और शहरी मतदाता एनडीए की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
नीतीश कुमार की स्थिति संदिग्ध
भले ही नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में शामिल हो चुके हैं, लेकिन बीजेपी के भीतर कई नेता उनके नेतृत्व से असहज हैं। नीतीश का बार-बार गठबंधन बदलना, जनता में गिरती लोकप्रियता और तेजस्वी से तुलना उनकी स्वीकार्यता को प्रभावित कर रही है।
मनोज तिवारी का यह बयान कई लोगों के लिए एक संकेत है कि बीजेपी अब नए नेतृत्व की तलाश में है।
क्या पवन सिंह बीजेपी में शामिल होंगे?
मनोज तिवारी से जब भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह के बीजेपी में शामिल होने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा:
“पवन सिंह मेरे छोटे भाई जैसे हैं। अगर वे बीजेपी में आते हैं, तो पार्टी को ताकत मिलेगी।”
इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि पवन सिंह की बीजेपी में एंट्री जल्द हो सकती है, संभव है कि वह 2025 के चुनाव में उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरें।
भोजपुरी सितारों का राजनीति में प्रभाव
पवन सिंह के राजनीति में आने से पहले कई भोजपुरी कलाकार सफल राजनीतिक करियर बना चुके हैं:
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मनोज तिवारी – दिल्ली से बीजेपी सांसद
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रवि किशन – उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सांसद
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निरहुआ (दिनेश लाल यादव) – आजमगढ़ से सांसद
अगर पवन सिंह बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इससे पार्टी को बिहार के भोजपुरी बोलने वाले इलाकों में जबरदस्त समर्थन मिल सकता है।
महागठबंधन की रणनीति पर असर
अगर चिराग पासवान को NDA का चेहरा बनाया जाता है और पवन सिंह बीजेपी में आते हैं, तो यह महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वाम दल) के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
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तेजस्वी यादव का युवा वोट बैंक कमजोर हो सकता है
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दलित और पिछड़े वर्ग में वोटों का बंटवारा हो सकता है
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NDA के भीतर नेतृत्व का नया चेहरा महागठबंधन को चुनौती देगा
आगामी चुनाव की संभावित टाइमलाइन
घटना | संभावित तिथि |
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एनडीए का सीएम फेस घोषित | जुलाई–अगस्त 2025 |
पवन सिंह की बीजेपी में एंट्री | अगस्त 2025 से पहले |
विधानसभा चुनाव (बिहार) | अक्टूबर–नवंबर 2025 |
सीट बंटवारा | सितंबर 2025 |
जनता की सोच: युवा बनाम परंपरा
2024 में हुए एक सर्वे के अनुसार:
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62% युवा मतदाता चाहते हैं नए और गैर-पारंपरिक नेता
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70% लोग बेरोजगारी से असंतुष्ट हैं
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55% युवा चिराग पासवान को एक उम्मीद की तरह देखते हैं
अगर बीजेपी उन्हें समर्थन देती है, तो बिहार में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
संभावित राजनीतिक परिदृश्य
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चिराग पासवान को NDA का सीएम फेस बनाया जाए
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दलित, युवा और शहरी मतदाता प्रभावित हो सकते हैं
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नीतीश कुमार का कद घट सकता है
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पवन सिंह बीजेपी में शामिल होकर चुनाव लड़ें
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भोजपुरी क्षेत्र में प्रचार को मिलेगा जोर
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युवा वोट बैंक में पकड़ मजबूत
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नीतीश ही सीएम फेस बने रहें
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वोटों का बंटवारा हो सकता है
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विपक्ष को अवसर मिल सकता है
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महागठबंधन को लाभ मिले
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अगर NDA में आंतरिक कलह हो तो तेजस्वी को फायदा
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मनोज तिवारी का चिराग पासवान और पवन सिंह को लेकर बयान बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। जहां एक ओर बीजेपी पुराने चेहरों से आगे निकलकर युवा नेतृत्व को तरजीह देने का संकेत दे रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस पर अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हो सकता है।
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