बिहार में विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और इस बीच भोजपुरी सिनेमा का भी राजनीति में अपनी जगह बनाने का सिलसिला जारी है। कुछ दिन पहले “पावर स्टार” पवन सिंह ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, और अब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री अक्षरा सिंह की केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात ने बिहार में नई राजनीतिक चर्चाओं का आगाज कर दिया है।
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गिरिराज सिंह से मुलाकात और सोशल मीडिया पर अटकलें
अक्षरा सिंह ने सोशल मीडिया पर गिरिराज सिंह के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें उन्होंने इसे एक “कॉर्टसी मीटिंग” (शिष्टाचार भेंट) बताते हुए लिखा, “आज मैंने आदरणीय गिरिराज सिंह जी से शिष्टाचार भेंट की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।” इस पोस्ट ने बिहार के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। अक्षरा सिंह की यह छोटी सी पोस्ट राजनीति में उनकी संभावित एंट्री को लेकर नई अटकलों को जन्म दे गई।
हालांकि, अभिनेत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह मुलाकात दिल्ली में हुई थी या बिहार में। लेकिन, पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का दौर शुरू हो गया। कई यूजर्स ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया कि शायद अक्षरा इस बार पवन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली हैं।
अक्षरा के पिता ने अफवाहों को किया खारिज
अक्षरा सिंह के पिता इंद्रजीत सिंह ने इस पूरी स्थिति पर सफाई दी और अफवाहों को नकारा। उन्होंने कहा कि परिवार का बीजेपी नेताओं से व्यक्तिगत संबंध है, और यह राजनीतिक नहीं है। इंद्रजीत सिंह ने यह स्पष्ट किया कि उनका परिवार बीजेपी का समर्थन करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अक्षरा सिंह राजनीति में प्रवेश कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अक्षरा को पहले भी राजनीति में शामिल होने के प्रस्ताव मिल चुके हैं, लेकिन वह इस समय अपने फिल्म करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “अक्षरा भविष्य में राजनीति में विचार कर सकती हैं, जब समय सही होगा।” उनके इस बयान से यह साफ हो गया कि फिलहाल अक्षरा का राजनीति में कोई कदम रखने का इरादा नहीं है।
अक्षरा सिंह का पहले भी राजनीति में नाम जुड़ा था
यह पहली बार नहीं है जब अक्षरा सिंह का नाम बिहार की राजनीति में आया है। नवंबर 2023 में, वह प्रशांत किशोर के जन सुराज प्लेटफॉर्म पर अपने पिता के साथ नजर आई थीं, जिससे अटकलें लगाई गईं कि वह इस आंदोलन का हिस्सा बनने वाली हैं। हालांकि, अक्षरा सिंह ने बाद में यह स्पष्ट किया कि उनका इस मंच से जुड़ाव केवल मुद्दों पर आधारित था, न कि राजनीतिक रूप से।
अक्षरा ने उस समय कहा था, “मैं किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ी नहीं हूं। मैंने इस कार्यक्रम में केवल इसलिये भाग लिया क्योंकि मुझे उनके विचारधारा में विश्वास था और उनका गांवों में outreach प्रोग्राम मुझे अच्छा लगा। मैं इस पर केवल मुद्दे आधारित रूप से शामिल थी, न कि राजनीतिक रूप से।”
परिवार की बीजेपी से पुरानी संबंधों की बात
अक्षरा सिंह के परिवार का बीजेपी से पुराना संबंध है। उनके पिता ने यह कहा कि परिवार लंबे समय से बीजेपी के समर्थन में रहा है, और उनका संपर्क अभिनेता-राजनेता मनोज तिवारी और रवि किशन से भी व्यक्तिगत रूप से है। हालांकि, अक्षरा के गिरिराज सिंह से इस मुलाकात को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन उनके पिता के मुताबिक यह मुलाकात केवल पारिवारिक संबंधों के आधार पर हुई है।
अक्षरा सिंह की राजनीति में एंट्री के बारे में बात करते हुए, उनके पिता ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में वह राजनीति में प्रवेश करेंगी, तो यह उनके विचार और समय पर निर्भर करेगा। फिलहाल, उनका पूरा ध्यान फिल्मों पर है और वह अपने करियर को लेकर पूरी तरह से समर्पित हैं।
भोजपुरी सिनेमा और राजनीति का बढ़ता कनेक्शन
बिहार में भोजपुरी सिनेमा और राजनीति का संबंध लगातार बढ़ता जा रहा है। कई भोजपुरी फिल्मी सितारे जैसे मनोज तिवारी और रवि किशन ने फिल्मों से राजनीति में कदम रखा और अब वे बीजेपी से जुड़े हुए हैं। इन सितारों की राजनीतिक यात्रा ने यह साबित किया है कि भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता का असर राजनीति पर भी पड़ता है।
अक्षरा सिंह का नाम भी अब इस सर्कल में लिया जा रहा है, और इसलिए उनके हर कदम पर लोग नजर रखे हुए हैं। भले ही अक्षरा ने राजनीति में कदम रखने के संकेत नहीं दिए हों, लेकिन उनकी लोकप्रियता और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े संबंध इस संभावना को कायम रखते हैं कि भविष्य में वह इस दिशा में सोच सकती हैं।
अक्षरा सिंह का भविष्य क्या होगा?
अक्षरा सिंह की राजनीति में एंट्री को लेकर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, उनके पिता ने यह कहा है कि फिलहाल वह राजनीति से ज्यादा अपने फिल्म करियर पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह समय ही बताएगा। उन्होंने खुद इस बारे में स्पष्ट किया है कि वह राजनीति से अभी दूर हैं और उनकी प्राथमिकता फिलहाल फिल्म इंडस्ट्री है।
अक्षरा सिंह की मुलाकात ने यह साबित कर दिया कि सिनेमा और राजनीति के बीच की सीमाएं अब और भी धुंधली हो रही हैं। हालांकि, उन्होंने इस बार भी राजनीति में कदम रखने की किसी योजना का खुलासा नहीं किया, लेकिन भविष्य में जब सही समय आएगा, तो शायद वह राजनीति में अपनी पारी शुरू कर सकती हैं।
बिहार में भोजपुरी सिनेमा और राजनीति का बढ़ता हुआ संबंध स्पष्ट है। अक्षरा सिंह की गिरिराज सिंह से मुलाकात ने राजनीति में उनके कदम रखने के बारे में नई अटकलों को जन्म दिया है, हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई भी स्पष्ट बयान नहीं दिया है। इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं, लेकिन उनकी ओर से दिए गए बयान से यह साफ हो गया है कि उनका फिलहाल फिल्म इंडस्ट्री में ही ध्यान केंद्रित है।
भविष्य में क्या होता है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इस घटना ने बिहार के राजनीतिक हलकों में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के प्रभाव और उसके संभावित राजनीतिक प्रभाव को एक बार फिर से सवालों के घेरे में डाल दिया है।
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