असलम तुम मुम्बई नहीं छोड़ना….

सीने स्टार को याद करके मोटर मैकेनिक का छलका दर्द

संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर। असलम तुम धैर्य से मुम्बई में अपना काम करते रहो। तुम मुम्बई कभी नहीं छोड़ना, वह समय दूर नहीं, जब तुमसे मिलने के लिए लोगो को लम्बा इन्तजार करना परेगा। मुजफ्फरपुर शहर के सदापुरा किला मोहल्ला निवासी मो. असलम को आज यही अल्फाज बार बार कचोट जाता है।
दरअसल, बात 1989 की है।  उस वक्त असलम मुंबई के गोरेगांव स्थित फिल्म सिटी में मशहूर कहानी कार मिराक मिर्जा के सहायक कहानी कार के रूप में काम कर रहे थे और इसी दरम्यान अभिनेता विनोद खन्ना से उनकी मुलाकात हो गई। धीरे धीरे यह मुलाकात नजदीकी रिश्तो में बदलती चली गई और दरम्यान विनोद खन्ना ने असलम से यह अल्फाज कही थी। आमगोला के प्रजापति ब्रह्मा कुमारी लेन में टीवीएस शोरूम में काम करने वाले मो. असलम उन दिनो को याद करते हुए बेहद भावुक हो गयें।
आज सीने स्टार विनोद खन्ना हमारे बीच नही है। असलम को जैसे ही पता चला कि विनोद खन्ना नहीं रहे वह शोकाकुल हो गया। अपना काम समय से पहले ही छोर कर वह घर लौट आया और पुरे परिवार के साथ शोक में डूब गया। असलम ने आप बीती सुनाते हुए विनोद खन्ना के साथ के अपने तस्वीर के साथ पुरानी यादो में खो गया।
22 वर्ष की अवस्था में सन 1989 में मो. असलम एक्टींग की शौक लिए भाग्य आजमाने मुम्बई पहुँचे थे।वहाँ उनकी मुलाकात मशहूर फिल्म के कहानीकर मिराक मिर्जा से हुई जो मुजफ्फरपुर के रहने वाले थे। मिराक मिर्जा ने मोहम्मद अश्लम से कहा तुम नाचने वाला नहीं, नचाने वाला बनो। बस उस दिन से मो. असलम एक्टिंग छोड़ कर कहानी कार मिराक  मिर्जा के सहायक लेखक के रूप में कार्य करने लगे। जब फिल्म की शुटींग होती थी तो गोरेगांव फिल्म सिटी मे कई मशहूर फिल्म अभिनेता व अभिनेत्रियों से नजदीकी बन गई। एक बार खुन का कर्ज  फिल्म की सूटिंग चल रही थी, जब  विनोद खन्ना से परिचय हुई थी। उस दौरान दोनों ने एक साथ कई यादगार तस्वीर भी खिचाई। उसके बाद  जैकी श्राफ, अनिल कपूर, सनी देवल , रजनीकांत , संगीता विजलानी,  मिनाक्षी शोशाद्री, धर्मेन्द्र, शरद कपूर, जया प्रदा,  सुमन रंगनाथन, किरण कुमार, मुकेश खन्ना, संजय दत्त,  सुनील सेठी, अमरेश पुरी, मोहन जोशी से  पहचान बढ़ी। इतना ही नही दर्जनों फिल्म निर्देशक व निर्माता से भी नजदीकी बन गई । जिसमें शिशिर के मिश्रा, अशोक गायकवार्ड, मेहुल कुमार, हड्स किनू, के काफी करीबी बन गये ।
एक समय मिराक मिर्जा के साथ मोहम्मद असलम फिल्म निर्देशक अशोक गायकवार्ड से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मिराक मिर्जा ने असलम से परिचय कराया और कहा की यह आपका बहुत बड़ा फैन है। उस बात पर निर्देशक  गायकवार्ड ने कहा कि अब तक अभिनेत्री व अभिनेता का लोग फैन होते सुना है तुम पहले वैसे व्यक्ति हो जो  निर्देशक का फैन हो। तुम एक दिन बहुत बड़ा कहानीकार बनोगे।  मो. अश्लम आठ वर्षों तक संघर्स करने के बाद अचानक घर लौट गया। उन दिनो असलम का  परिवार आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहा था। बहुत अधिक कर्ज हो गया था। इसके बाद मिराक  मिर्जा ने असलम को अपना छोटा भाई कह कर कुछ पैसा दिए और कहा कि घर के लोगों को धैर्य से रहने के लिए कुछ और दिन कहना और तुम वापस मुम्बई लौट आना।
सन 1997 में  असलम घर लौट आया। घर आने के बाद घर की आर्थिक तंगी को देख वह मुम्बई वापस नही जा सका और पुनः बाइक मैकेनिक का काम करने लगे जो आज भी जारी है। हलाकि 50 वर्ष का मोहम्मद असलम का आज भी  मिराक मिर्जा मुम्बई में इंतजार कर रहें हैं। इस बीच अपने धून के पक्के मो. असलम को मैकेनिक के रूप में बेहतर काम करने के लिए कई अवार्ड मिल चुका है।

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