KKN गुरुग्राम डेस्क | तारापुर (मुंगेर), बिहार – लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय सचिव मिथिलेश कुमार सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि जातीय जनगणना बिहार के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस जनगणना से सभी जातियों की वास्तविक जनसंख्या का आंकलन संभव होगा और विकास योजनाओं का खाका अधिक सटीक तरीके से तैयार किया जा सकेगा।
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उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार की जनता चाहती है कि चिराग पासवान राज्य की बागडोर संभालें, क्योंकि उन्होंने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के विजन को जमीन पर उतारने का संकल्प लिया है।
जातीय जनगणना क्यों है जरूरी?
मिथिलेश कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा कि जातीय जनगणना केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक सांख्यिकीय और प्रशासनिक आवश्यकता है। इसके जरिए:
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सभी जातियों की वास्तविक संख्या सामने आएगी
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सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को पहचानने में मदद मिलेगी
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सरकारी योजनाओं को लक्षित वर्गों तक बेहतर ढंग से पहुँचाया जा सकेगा
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संसाधनों का न्यायसंगत वितरण हो सकेगा
उन्होंने कहा कि विकास की नींव सटीक आंकड़ों पर आधारित होती है और जातीय जनगणना इसके लिए अनिवार्य है।
चिराग पासवान को चाहिए बिहार की बागडोर
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने चिराग पासवान के नेतृत्व की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा:
“बिहार चिराग पासवान को चाहता है। वे बिहार के युवाओं की उम्मीद हैं और उन्होंने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का विजन देकर यह साबित किया है कि वे केवल राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि चिराग पासवान ने हमेशा युवाओं, किसानों और गरीबों की आवाज़ को आगे बढ़ाया है। उनके नेतृत्व में बिहार विकास और सम्मान दोनों प्राप्त कर सकता है।
विपक्ष पर साधा निशाना
मिथिलेश सिंह ने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे जातीय जनगणना का विरोध केवल राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं।
“जब जनता विकास की बात कर रही है, तो विपक्ष अनर्गल प्रलाप कर रहा है। उनका विरोध बिना तर्क और तथ्यों के है।”
उन्होंने कहा कि विपक्ष जन भावनाओं से कट चुका है और केवल मुद्दों को भटकाने की राजनीति कर रहा है।
स्थानीय नेताओं की मौजूदगी और समर्थन
इस अवसर पर लोजपा (रामविलास) के कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिससे यह साफ हो गया कि पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ बना रही है।
मौजूद प्रमुख नेता:
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जयराम मंडल – प्रखंड अध्यक्ष
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रोहित सिंह – आईसीएल जिला अध्यक्ष
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विशाल आनंद – युवा प्रखंड अध्यक्ष
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कैलाश भगत – वरिष्ठ कार्यकर्ता
इन नेताओं की मौजूदगी से यह संदेश गया कि पार्टी ने मुंगेर जिले और तारापुर क्षेत्र में सांगठनिक मजबूती हासिल कर ली है।
जातीय जनगणना: सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
बिहार में जातीय जनगणना की मांग हाल के वर्षों में ज़ोर पकड़ चुकी है। कई क्षेत्रीय दलों का मानना है कि बिना जातिगत आंकड़ों के सामाजिक न्याय अधूरा है।
जातीय जनगणना से संभावित लाभ:
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पिछड़े वर्गों के लिए सटीक नीति निर्माण
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राजनीतिक प्रतिनिधित्व में संतुलन
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शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य में निष्पक्षता
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आर्थिक योजनाओं की बेहतर निगरानी और क्रियान्वयन
लोजपा (रामविलास) भी अन्य प्रमुख दलों जैसे RJD और JDU के साथ इस मुद्दे पर सक्रिय समर्थन कर रही है, लेकिन उसका जोर विकास और युवाओं की भागीदारी पर अधिक है।
‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’: विकास का नया विजन
चिराग पासवान द्वारा प्रस्तुत ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ विजन को पार्टी का मुख्य नारा बताया गया। इसके अंतर्गत:
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स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार
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शिक्षा और स्वास्थ्य का आधुनिकीकरण
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कृषि क्षेत्र में सुधार
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औद्योगिक निवेश को बढ़ावा
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ईमानदार और पारदर्शी शासन
मिथिलेश सिंह ने कहा कि चिराग पासवान के नेतृत्व में यह विजन नारा नहीं, बल्कि यथार्थ में परिवर्तित हो रहा है।
चुनावों से पहले जातीय जनगणना बन सकती है बड़ा मुद्दा
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, जातीय जनगणना एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। पार्टियां इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रही हैं।
लोजपा (रामविलास) के लिए यह मुद्दा:
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सामाजिक न्याय की बुनियाद है
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सटीक विकास रणनीति तैयार करने का माध्यम है
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जनता से जुड़ाव का अवसर है
पार्टी का मानना है कि यह मुद्दा ग्रामीण और पिछड़े वर्गों को जागरूक करने और उन्हें संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
तारापुर और मुंगेर में जमीनी स्तर पर तैयारी
प्रेस वार्ता केवल बयान देने तक सीमित नहीं रही। यह कार्यक्रम पार्टी की राज्यव्यापी रणनीति का हिस्सा था।
स्थानीय कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे:
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जनजागरण अभियान चलाएं
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पंचायत स्तर तक जाकर लोगों को जागरूक करें
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पहली बार वोट देने वाले युवाओं को जोड़ें
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जातीय जनगणना और चिराग पासवान की योजनाओं की जानकारी दें
यह अभियान लोजपा (रामविलास) को विकल्प नहीं, समाधान के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है।
तारापुर से उठी आवाज़ अब पूरे राज्य में गूंजने को तैयार है। जातीय जनगणना कोई विवाद नहीं, बल्कि विकास की बुनियाद है।
मिथिलेश कुमार सिंह के शब्दों में:
“वास्तविक आंकड़ों से ही वास्तविक विकास संभव है। जातीय जनगणना अतीत की बात नहीं, बल्कि भविष्य की योजना का आधार है।”
लोजपा (रामविलास) बिहार को आधुनिक सोच, पारदर्शी शासन और सामाजिक समरसता की ओर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
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