शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर भारी भीड़ उमड़ने से अफरा-तफरी मच गई। हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh) जाने के लिए पहुंचे, जिससे स्टेशन पर हालात बेकाबू हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भगदड़ में 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
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हालांकि रेलवे अधिकारियों ने भगदड़ की खबरों को नकार दिया, लेकिन लोक नारायण जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि मरने वालों की संख्या 15 है।
प्लेटफॉर्म 12-16 पर भीड़ का दबाव बढ़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार रात को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से 16 तक भीड़ इतनी बढ़ गई कि वहां भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, शुरुआत में 14-15 लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी, जिन्हें एलएनजेपी और लेडी इरविन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि वे करीब एक घंटे तक भीड़ में फंसे रहे। अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया, जिससे कई लोग नीचे गिर गए और दबकर घायल हो गए।
रेलवे पीआरओ ने दी सफाई
रेलवे पीआरओ दिलीप कुमार ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई भगदड़ नहीं मची, बल्कि भीड़ ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि प्रयागराज के लिए पहले से ही कई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं और रविवार होने के कारण यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई।
“किसी ट्रेन की संख्या नहीं घटाई गई है। कोई भगदड़ नहीं हुई और अब तक किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है,” उन्होंने कहा।
स्टेशन के बाहर पहुंची एंबुलेंस, हालात बेकाबू
घटना के बाद रेलवे स्टेशन के बाहर कई एंबुलेंस पहुंचीं। यात्रियों की संख्या अधिक होने और ट्रेनों की लेट होने के कारण हालात बिगड़ते चले गए। रेलवे प्रशासन ने भीड़ कम करने के लिए अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है।
दिल्ली पुलिस और आरपीएफ की तैनाती
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को तैनात किया गया। लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सुरक्षा कर्मियों को स्थिति संभालने में दिक्कत हुई।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा:
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर स्थिति अब नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ मौके पर मौजूद हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। अचानक बढ़ी भीड़ को कम करने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।”
एलजी वीके सक्सेना ने जताया दुख
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने भी इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने X पोस्ट में कहा:
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भीड़ के कारण हुई दुखद घटना से जान-माल का नुकसान हुआ है। इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैंने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से बात कर स्थिति को जल्द सुधारने के निर्देश दिए हैं।”
रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए
रेलवे ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच (High-Level Inquiry) के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक विशेष जांच कमिटी का गठन किया गया है, जो इस घटना के कारणों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों की जांच करेगी।
अव्यवस्था के कारण क्या रहे?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई इस भगदड़ जैसी स्थिति के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:
- ट्रेनों की देरी: कई ट्रेनों के लेट चलने के कारण यात्रियों को ज्यादा इंतजार करना पड़ा, जिससे स्टेशन पर भीड़ बढ़ती गई।
- महाकुंभ की भीड़: प्रयागराज महाकुंभ के कारण हजारों यात्री एक साथ स्टेशन पहुंचे, जिससे हालात बिगड़ गए।
- रविवार का दिन: वीकेंड होने की वजह से सामान्य भीड़ भी अधिक थी, जिसने स्थिति को और खराब कर दिया।
यात्रियों की आपबीती: डरावने पल
घटना के दौरान वहां मौजूद यात्रियों ने अपनी आपबीती साझा की। एक यात्री ने कहा, “मैं एक घंटे तक भीड़ में फंसा रहा, सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। चारों तरफ धक्का-मुक्की हो रही थी।”
वहीं, एक अन्य यात्री ने बताया कि “स्थिति इतनी खराब थी कि लोगों का दम घुटने लगा था। मेरे कई सामान खो गए और मैं खुद को संभाल भी नहीं पाया।”
भीड़ नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय
इस घटना के बाद विशेषज्ञों ने भीड़ नियंत्रण और यात्री सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- रीयल-टाइम मॉनिटरिंग: स्टेशन पर भीड़ की निगरानी के लिए AI और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होना चाहिए।
- बेहतर संचार व्यवस्था: यात्रियों को ट्रेन शेड्यूल और भीड़ की स्थिति की अपडेट दी जानी चाहिए।
- अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी: भीड़भाड़ वाले दिनों में अधिक पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए।
- विशेष ट्रेन सेवाएं: बड़े आयोजनों, जैसे महाकुंभ, के दौरान अतिरिक्त ट्रेनें पहले से निर्धारित की जानी चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई। विपक्षी नेताओं ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही और खराब प्रबंधन के आरोप लगाए।
भविष्य के लिए सबक
रेलवे अधिकारियों ने स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा किया है, लेकिन इस घटना ने रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगामी जांच रिपोर्ट से कई जरूरी सुधारों की उम्मीद की जा रही है।
प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में अब भी भारी भीड़
महाकुंभ के लिए जाने वाले यात्रियों की भीड़ अब भी रेलवे स्टेशन पर बनी हुई है। हजारों लोग अब भी प्रयागराज जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं, जिससे रेलवे प्रशासन पर दबाव बना हुआ है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी स्थिति भीड़ प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर करती है। यह घटना बताती है कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर और अधिक सतर्कता बरतनी होगी।
इस हादसे से कई परिवारों ने अपनों को खो दिया। सरकार और रेलवे प्रशासन को इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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