पानी के प्रलय में समाई 300 जिन्दगी
बिहार में बाढ़ की भयावहता थमने का नाम ही नही ली रही है। बूढ़ी गंडक, कोसी व गंगा नदियां उफान पर है। 18 जिलों के 1 करोड़ 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ ने अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। सबसे ज्यादा मौत अररिया में हुई है। उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है।
बूढ़ी गंडक, करेह सहित कई नदियों का कहर जारी है। मुजफ्फरपुर जिले में छठे दिन पानी फैलने से मुशहरी, मीनापुर व बोचहा के ढ़ाई लाख लोग बाढ़ से घिर गये हैं। सोमवार को औराई में एक व मीनापुर में दो लोगों की मौत पानी में डूबकर हो गयी। मीनापुर की सभी पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं। बोचहा में रिंग बांध टूटने से तीन नए पंचायतों में पानी घुस गया है। बाढ़ का पानी तेजी से शहर के पूर्वी हिस्से- बीएमपी 6 व बेला की ओर बढ़ रहा है।
पूर्वी चंपारण जिले में बूढ़ी गंडक में पानी बढ़ने से राजेपुर थाने के चकी भुड़कुरवा बांध पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे डरे-सहमे लोग गांव से पलायन कर गये हैं। राजेपुर के कई गांवों में रविवार रात बाढ़ का पानी फैल गया। मधुबन के नए इलाकों में बूढ़ी गंडक का पानी जमा हो रही है। मोतिहारी शहर के कोल्हुअरवा, नकछेद टोला, मठिया जीरात, एकौना, आजाद नगर, बेगमपुर, मछुआ टोली आदि में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
पश्चिमी चंपारण में अधिकांश जगहों से बाढ़ का पानी उतर चुका है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य चलाया जा रहा है। समस्तीपुर जिले में करेह के जलस्तर में वृद्धि होने से सिंघिया के नवटोलिया में तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। अनहोनी की आशंका से सहमे ग्रामीण विभागीय कर्मियों के सहयोग से तटबंध को बचाने में जुटे हैं। कल्याणपुर में तीन और वारिसनगर में एक जगह पर स्लूइस गेट में रिसाव से अफरातफरी मच गयी। मधुबनी जिले में बाढ़ का पानी कम हो रहा है।
सीतामढ़ी जिले में बागमती का कहर फिलहाल थमा है। हालांकि, शिवहर जिले के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति फिर से गंभीर हो गयी है। मुजफ्फरपुर के मीनापुर के पास सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से शिवहर-मुजफ्फरपुर सड़क मार्ग में आवागमन अवरुद्ध हो गया है। दरभंगा जिले में बाढ़ ने नये इलाकों में पैर पसारना शुरू कर दिया है। हनुमाननगर प्रखंड में करेह नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से थलवारा-शोभेपट्टी का रिंग बांध सोमवार सुबह टूट गया। इससे शोभेपट्टी के कई इलाकों के घरों में पानी घुस गया।