अश्रुपुरित नेत्रो से बच्चो ने कहा दीदी कर दो विदा आज तो प्यार से.., विदाई सामारोह मे फूट फूट कर रोयी कस्तूरबा की छात्राये, आठवीं की 24 किशोरियो को विदाई मे दिया गया नवम की किताबे लेखन समाग्री व अंगवस्त्रम, मुखिया ने कहा-दसम तक हो कस्तूरबा मे बच्चो की पढाई
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर: दीदी कर दो विदा आज तो प्यार से,जा रही हूं तो मै तेरे कस्तूरबा से…,विदाई गीत के साथ सभी छात्राओ के आंख से आंसू बह रहे थे। झुग्गी झोपड़ी से कस्तूरबा मे पढ़ने आयी 24 अभिवंचित बेटिया पढ़ाई पुरी कर घर लौट रही थी। कस्तूरबा गांधी बालिका विधालय मे विदाई सामारोह को सम्बोधित करते हुए मुखिया इंदल सहनी ने कहा कि पढाई के क्षेत्र मे कस्तूरबा की छात्राये बानगी है। यहां पर आठंवी नही दसमी तक किशोरियो को शिक्षा मिलना चाहिए। पंसस सुबोध कुमार ने कहा कि पंचायत समिति की अगली बैठक मे कस्तूरबा गांधी मे दसमी तक का शिक्षा अनिवार्य करने को प्रस्ताव रखा जायेगा। वरीय अधिकारियो तक बात पहुचायी जायेगी। कार्यक्रम की शुरुआत आगमन से बह रहा है सुगंधित पवन,स्वागतम स्वागतम…स्वागीत गीत के साथ किया गया। इसके बाद बच्चो ने कस्तूरबा को छोड़ के बहना अपना घर चली,ऐ कैसी घड़ी आयी है,मिलन है विदाई है…गीत से सबको रूला दिया.इसके बाद बच्चो ने ‘ चलने वाला मंजील पाता,बैठा पीछे रह जाता है,ठहरा पानी सड़ जाता है,बहता निर्मल होता है’ गीत से सबका दिल जीत लिया. निशा कुमारी,रागिनी कुमारी,शम्मी, सुमन व अर्चना आदि ने तीन साल से साथे रहली बहना हमारी रे,आज मेरी बहना की हो रही विदाई रे गीत से सबको रुला दिया। बेटी हू मै बेटी मै तारा बनूंगी गीत ने सबकी आंखे नम कर दी। 24 किशोरियो को अश्रुपूर्ण नेत्रो से नवम वर्ग का किताब,लेखन समाग्री,बैग,अंगवस्त्र,छाता व जूता चप्पल सहित अन्य समान देकर विदा किया गया। मौके पर शिक्षक अरविंद कुमार,लेखापाल नीरज कुमार वार्डेन कुमारी अलका आदि उपस्थित थे। वार्डेन कुमारी अलका ने बताया कि इन अभिवंचित बेटियो को नवम का किताब इसलिए दिया गया है कि आगे का पढाई नही रूक सके। इनको यहां से भी लगातार शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जायेगा।