KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना आठवां लगातार केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने जा रही हैं। इस बजट से मध्यम वर्ग को कर राहत, महंगाई नियंत्रण, और वेतन वृद्धि में सुधार की उम्मीद है, साथ ही सरकार के वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने पर भी जोर रहेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की विकास दर का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्य रूप से निवेश गतिविधियों में वृद्धि और संरचनात्मक सुधारों पर निर्भर करेगी। सरकार के लिए नियमन में ढील और मध्यम अवधि की विकास रणनीति अपनाना आवश्यक होगा ताकि विकास की रफ्तार बनी रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बजट सत्र से पहले संबोधन
बजट से पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने नीतिगत जड़ता (Policy Paralysis) से उबरने के लिए कड़ी मेहनत की है, खासकर COVID-19 महामारी के बाद और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच। उन्होंने भरोसा जताया कि यह बजट भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा।
बजट सत्र 2025: 16 विधेयक होंगे पेश
इस बार बजट सत्र के दौरान 16 महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
- वित्त विधेयक 2025
- वक्फ अधिनियम और बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन
- भारतीय रेलवे और रेलवे बोर्ड अधिनियम का विलय
इन विधेयकों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक सुधार लाना और संसाधनों के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय बजट का हिंदी में प्रकाशन: एक ऐतिहासिक परिवर्तन
1860 में जब पहली बार ब्रिटिश शासन के दौरान केंद्रीय बजट पेश किया गया था, तब यह केवल अंग्रेजी में प्रकाशित होता था। आजादी के बाद, सरकार ने इसे हिंदी में प्रकाशित करने का निर्णय लिया ताकि आम जनता तक बजट की जानकारी आसानी से पहुंचे।
रेलवे बजट का विलय: 92 वर्षों की परंपरा समाप्त
2017 तक, रेलवे बजट और केंद्रीय बजट अलग-अलग प्रस्तुत किए जाते थे। लेकिन, 2017 में रेलवे बजट का केंद्रीय बजट में विलय कर दिया गया। इसका उद्देश्य सड़क, रेलवे और जलमार्गों के बीच एकीकृत परिवहन योजना तैयार करना और वित्तीय संसाधनों के बेहतर आवंटन को सुनिश्चित करना था।
रुपये पर बजट का प्रभाव: कैसे प्रभावित होगी मुद्रा दर?
केंद्रीय बजट का भारतीय रुपये की स्थिरता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। मुख्य कारक:
- राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit): यदि सरकार का घाटा बढ़ता है, तो यह रुपये को कमजोर कर सकता है।
- कर नीति (Tax Policies): पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में बदलाव से विदेशी निवेश प्रभावित हो सकता है।
- आयात शुल्क (Import Duties): उच्च आयात शुल्क डॉलर की मांग को कम कर सकता है, जिससे रुपये को स्थिरता मिलेगी।
आयकर नियमों में बदलाव: नया कर कोड आएगा?
संभावना है कि प्रत्यक्ष कर संहिता (Direct Tax Code – DTC) इस बजट में पेश नहीं की जाएगी, लेकिन कर प्रणाली को और सरल बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर नियमों को आसान बनाने की दिशा में पहले भी बयान दिया था।
भारतीय स्टार्टअप्स की बजट से उम्मीदें
भारत में स्टार्टअप सेक्टर इस बजट से कई उम्मीदें लगाए हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:
✅ सरलीकृत कर प्रणाली
✅ नवाचार और अनुसंधान में निवेश
✅ इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंडिया पर ध्यान
✅ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) सुधार
सरकार की गैर-कर राजस्व प्राप्ति के स्रोत
टैक्स के अलावा, सरकार नॉन-टैक्स रेवन्यू के विभिन्न स्रोतों पर भी निर्भर करती है, जैसे:
- सरकारी कंपनियों से मिलने वाला लाभ (Dividends from PSUs)
- सरकारी ऋणों पर ब्याज (Interest on loans)
- खनिज संसाधनों से रॉयल्टी (Royalties on natural resources)
बजट एट ए ग्लांस: सरकार की प्राथमिकताएं
“बजट एट ए ग्लांस” एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो बजट की मुख्य बातें संक्षेप में प्रस्तुत करता है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन को दर्शाया जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि बजट 2025 में AI-आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। “इंडिया AI मिशन” के तहत 10.4 हजार करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है, जो अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया: निवेशकों की सतर्कता
बजट घोषणा के पहले, भारतीय शेयर बाजारों में अस्थिरता देखने को मिल रही है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, बजट के विभिन्न निर्णय निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकते हैं।
संयुक्त कर दाखिल करने का ICAI का प्रस्ताव
भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (ICAI) ने विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त कर दाखिल करने (Joint Tax Filing) का प्रस्ताव दिया है। यह नियम लागू होने से मध्यम वर्गीय परिवारों को कर में राहत मिल सकती है।
शिक्षा क्षेत्र की मांग: डिजिटल लर्निंग और स्टेम लैब्स पर जोर
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2025 में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए:
- शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
- स्टेम (STEM) लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम्स
मुद्रास्फीति नियंत्रण और वित्तीय अनुशासन
आरबीआई का लक्ष्य महंगाई को 2-6% के दायरे में रखना है। बजट में इस पर ध्यान देने की उम्मीद है ताकि ब्याज दरों में स्थिरता बनी रहे और निवेशकों का भरोसा बढ़े।
निर्मला सीतारमण का आठवां केंद्रीय बजट भारत की विकास दर को गति देने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने पर केंद्रित होगा। सरकार को मध्यम वर्ग, किसानों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित बजट पेश करना होगा।
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