वह 20 जुलाई 2021 का दिन था। उस रोज संसद का सत्र चल रहा था। सांसदो को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने एक बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना में एससी और एसटी के अलावा अन्य जाति की जातिवार गणना नहीं होगी। इसके बाद बिहार समेत पूरे देश की राजनीति में उबाल आ गया। विपक्ष के नेता जातीय गणना की मांग करने लगा। तर्क गढ़ा जाने लगा और जातीय गणना को देश हित में बताने की होर लग गई। कहा जा रहा है कि इससे जरूरतमंदों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक मदद मिलेगी। मुझे लगा कि यह ज्वलंत मुद्दा है और इस पर एक रिपोर्ट जरुरी है। KKN लाइव के खबरो की खबर और लीक से हट कर खबर के इस सेगमेंट में आज हम जातीय गणना के इसी औचित्य कि पड़ताल करेंगे।