अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हिरासत में मौत के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए अमेरिकी शहर तथा राज्यों द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाये जाने की स्थिति में सेना को तैनात करने की सोमवार को बात कहीं। लेकिन, व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि, फ्लॉयड की बर्बर मृत्यु से सभी अमेरिकी दुखी हैं तथा इसका विरोध कर रहे हैं और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि, इस मामले में न्याय मिलेगा। फ्लॉयड की मौत के आक्रोश मे हिंसक प्रदर्शन की आग अमेरिका की 140 शहरों तक पहुंच चुकी है, जिसे देश में बीते कई दशक का सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है। ट्रंप ने राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि, वह हिंसा को रोकने तथा अमेरिका में सुरक्षा तैनात करने के लिए कदम उठा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि, उन्होंने दंगों और लूट को रोकने एवं कानून का पालन करने वाले अमेरिकियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सभी उपलब्ध सरकारी संसाधनों, नागरिकों एवं सेना को जुटा लिया है।
आज मैं प्रत्येक गवर्नर को सड़कों पर पर्याप्त संख्या में नेशनल गार्ड तैनात करने की सलाह देता हूं। मेयरों और गवर्नरों को हिंसा के समाप्त होने तक कानून प्रवर्तन अधिकारियों की जबर्दस्त उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। यदि कोई शहर या राज्य अपने निवासियों के जान-माल की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने से इनकार करता है, तो मैं अमेरिकी सेना को तैनात करुंगा और जल्द ही उनकी समस्या का हल कर दूंगा।
वहीं, हिंसा रोकने में अधिकारियों के सफल नहीं रहने के बाद न्यूयॉर्क सिटी में सोमवार देर रात कर्फ्यू लगा दिया गया। अमेरिका के अन्य शहरों की तरह न्यूयॉर्क में भी रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। इस बीच कर्फ्यू लागू करने के दौरान गोली चलाने वाले लुइसविले पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर दिया गया, जब मेयर जानकारी हुई कि, गोलीबारी में शामिल अधिकारी हिंसा के दौरान वर्दी पर बॉडी कैमरा चालू करने में विफल रहे। इस गोलीबारी के दौरान एक प्रसिद्ध बार्बेक्यू स्थल के मालिक की मौत हो गई थी।
This post was published on जून 2, 2020 11:50
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