KKN गुरुग्राम डेस्क | चोल साम्राज्य, जो मध्यकालीन दुनिया के सबसे प्रभावशाली साम्राज्यों में से एक था, ने राजनीति, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया। उनकी भव्य मंदिर, विशाल खजाने, और व्यापार नेटवर्क भारत की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर के प्रतीक हैं।
Article Contents
भव्य युग: बृहदेश्वर मंदिर
1000 ईस्वी में, जब यूरोप राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित हो रहा था, दक्षिण भारत में एक सम्राट एक ऐसे मंदिर की कल्पना कर रहा था, जो समय को चुनौती दे सके।
बृहदेश्वर मंदिर: इंजीनियरिंग का चमत्कार
- राजा राजा चोल प्रथम द्वारा निर्मित, यह मंदिर केवल 10 वर्षों में पूरा हुआ।
- 216 फीट (66 मीटर) ऊंचा, यह 1,30,000 टन ग्रेनाइट से निर्मित है, जो इसे अपने समय के सबसे ऊंचे स्मारकों में से एक बनाता है।
- मंदिर में 12 फीट ऊंचा शिवलिंग है, जिसे सोने, माणिक, और मोतियों से सजाया गया है।
खजाने की अद्भुत संपत्ति
- मंदिर के हॉल में 60 कांस्य मूर्तियां और चोल साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से लूटे गए खजाने थे।
- खजाने में सोने-चांदी के सिक्के, गहने और कीमती रत्न शामिल थे।
राजा राजा चोल प्रथम: सम्राटों के सम्राट
- राजा राजा चोल का अर्थ है “सम्राटों के सम्राट”, जो उनके दक्षिण भारतीय प्रायद्वीप में प्रभुत्व को दर्शाता है।
- उनके शासनकाल में, चोल साम्राज्य ने विजय और व्यापार के माध्यम से असीम धन अर्जित किया।
वैश्विक प्रभाव: व्यापार और संस्कृति
1. व्यापार नेटवर्क
- चोलों ने व्यापार मार्ग स्थापित किए, जो दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों को भारत से जोड़ते थे।
- मसालों, वस्त्रों और कीमती वस्तुओं का निर्यात करके भारत की आर्थिक शक्ति को बढ़ाया।
2. समुद्री शक्ति
- चोलों की शक्तिशाली नौसेना ने समुद्री व्यापार मार्गों पर अपना प्रभुत्व स्थापित किया और श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाया।
3. सांस्कृतिक धरोहर
- चोल कला, साहित्य और नृत्य के संरक्षक थे।
- मंदिर न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक केंद्र भी बने।
चोल साम्राज्य को क्यों मान्यता मिलनी चाहिए?
चोलों की उपलब्धियां उन्हें विश्व इतिहास में एक महान स्थान दिलाती हैं। उनके बृहदेश्वर मंदिर (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) जैसे स्मारक और उनके द्वारा किए गए सांस्कृतिक वाणिज्यिक योगदान उन्हें मध्यकालीन दुनिया की महानतम सभ्यताओं में शामिल करते हैं।
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.