नेपाल में भूकंप के झटके, लोगों में दहशत का माहौल

Massive Earthquake in Russia Triggers Tsunami Alerts Across Pacific, No Threat to India

KKN गुरुग्राम डेस्क | आज सुबह करीब 4:39 बजे नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई। भूकंप का केंद्र 25 किलोमीटर की गहराई में था, जिससे झटके हल्के होने के बावजूद लोगों को तेज महसूस हुए। भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, और कई क्षेत्रों में दहशत का माहौल देखने को मिला।

भूकंप का केंद्र और भौगोलिक स्थिति

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 28.76°N अक्षांश और 82.01°E देशांतर पर स्थित था। यह इलाका नेपाल के मध्य-पश्चिमी क्षेत्र में आता है, जो हिमालयी क्षेत्र के अंतर्गत आता है और पहले भी भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील रहा है।

गहराई में आया भूकंप, फिर भी तेज महसूस हुआ

हालांकि भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं थी, लेकिन इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से सिर्फ 25 किमी नीचे था। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब भूकंप धरती की सतह के पास आता है, तो उसकी ऊर्जा ज्यादा प्रभावशाली होती है और कंपन अधिक महसूस होते हैं। यही कारण है कि आज का भूकंप हल्का होने के बावजूद लोगों को अधिक डरावना लगा।

भूकंप के समय लोग थे गहरी नींद में

भूकंप का समय सुबह-सुबह का था, जब अधिकतर लोग नींद में थे। कई लोगों ने बताया कि उन्हें बिस्तर हिलता महसूस हुआ, और जब तक वे समझ पाते, तब तक झटके आ चुके थे। इस डर से लोगों ने घरों से बाहर आना ही उचित समझा। कई स्थानों पर लोग खुले मैदानों में इकठ्ठा हो गए।

फिलहाल जानमाल के नुकसान की खबर नहीं

NCS और नेपाल सरकार की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की जानमाल की क्षति की पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं सतर्क हैं और हालात पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे शांत रहें और अफवाहों से बचें।

भूकंप-प्रवण क्षेत्र में स्थित है नेपाल

नेपाल एक भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में आता है। इन प्लेट्स की आपसी हलचल के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। नेपाल को 2015 के विनाशकारी भूकंप की त्रासदी अब भी याद है, जिसमें लगभग 9,000 लोगों की जान चली गई थी

पड़ोसी देशों में भी भूकंपीय गतिविधियां तेज

नेपाल के अलावा, आज ही के दिन जापान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 4.6 मापी गई। वहीं, बीते महीने 28 मार्च को म्यांमार में आया 7.7 तीव्रता का भूकंप बेहद विनाशकारी रहा, जिसमें 3,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि हिमालयी और दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां तेज हो गई हैं और यह एक चिंताजनक संकेत है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के पास स्थित हिमालयन फॉल्ट लाइन में लगातार भूगर्भीय तनाव बन रहा है। यह तनाव जब रिलीज होता है, तो भूकंप आता है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भले ही ये झटके छोटे हों, लेकिन ये किसी बड़े भूकंप के संकेत हो सकते हैं।

भूकंप से कैसे करें बचाव?

???? भूकंप के समय क्या करें?

  • जमीन पर झुकें, किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें और पकड़ लें।

  • खिड़की, शीशे या भारी वस्तुओं से दूर रहें।

  • सीढ़ियों और लिफ्ट का उपयोग न करें।

???? भूकंप के बाद क्या करें?

  • अपने और आसपास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

  • गैस, बिजली और पानी की लाइनों की जांच करें।

  • रेडियो या सरकारी ऐप्स से अपडेट लेते रहें।

तत्काल राहत कार्यों की स्थिति

हालांकि किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, फिर भी नेपाल की आपदा प्रबंधन इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा संभावित ऑफ्टरशॉक्स (बाद के झटके) से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।

कोई सूनामी का खतरा नहीं

चूंकि भूकंप का केंद्र ज़मीन के भीतर था और कोई समुद्री क्षेत्र इससे जुड़ा नहीं है, इसलिए सूनामी की कोई आशंका नहीं है। लेकिन अधिकारी सतर्क हैं और सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।

संक्षिप्त जानकारी एक नजर में:

 

तत्वविवरण
तीव्रता4.0 रिक्टर स्केल पर
समयसुबह 4:39 बजे, 15 अप्रैल 2025
गहराई25 किलोमीटर
स्थाननेपाल (28.76°N, 82.01°E)
नुकसानकोई पुष्टि नहीं
भूकंप के प्रकारसतह के पास, मध्यम तीव्रता का
अतिरिक्त जानकारीजापान और म्यांमार में भी झटके

हालांकि इस बार नेपाल को कोई बड़ी क्षति नहीं पहुंची, लेकिन यह घटना एक चेतावनी है। ऐसे हल्के झटके भी भविष्य में आने वाले बड़े भूकंप की संभावना को दर्शा सकते हैं। जरूरी है कि सरकार और नागरिक सतर्कता और तैयारी के साथ रहें।

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