KKN गुरुग्राम डेस्क | चीन ने अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ का जवाब देते हुए, अमेरिका से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 34% का टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय अगले हफ्ते से लागू होगा और इसे दुनिया भर में नए ट्रेड वॉर की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
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इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी और मार्च में दो चरणों में चीनी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाया था।
📉 अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट
चीन के जवाबी कदम के बाद शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। निवेशकों में अनिश्चितता फैल गई है और टेक्नोलॉजी, एग्रो-प्रोडक्ट्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
🔧 चीन की जवाबी कार्रवाई की मुख्य बातें
🐓 1. कृषि उत्पादों का आयात सस्पेंड
चीन ने 6 अमेरिकी कंपनियों से पोल्ट्री, ज्वार और बोनमील के आयात पर रोक लगा दी है। कारण बताए गए:
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पोल्ट्री शिपमेंट में फ्यूराजोलिडोन (प्रतिबंधित तत्व) पाया गया।
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ज्वार में फफूंद, और बोनमील में साल्मोनेला मिला।
🔋 2. रेयर अर्थ मिनरल्स पर एक्सपोर्ट कंट्रोल
टेक्नोलॉजी और रक्षा उपकरण निर्माण में उपयोग होने वाले रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नई सीमाएं लगाई गई हैं।
🌍 3. WTO में मुकदमा
चीन ने अमेरिका के टैरिफ पर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में शिकायत दर्ज की है।
🏢 4. अमेरिकी कंपनियों पर कार्रवाई
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ड्यूपॉन्ट की चाइना ग्रुप कंपनी पर एंटी-मोनोपॉली जांच शुरू की गई है।
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27 अमेरिकी कंपनियों को ट्रेड बैन लिस्ट में डाला गया है।
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स्काईडियो और ब्रिंक ड्रोन सहित 11 कंपनियों को “अविश्वसनीय संस्थाएं” घोषित कर दिया गया है।
🗣️ ट्रंप बोले: “चीन घबरा गया है”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा:
“चीन ने गलत किया, वे घबरा गए हैं – और यही वे बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि TikTok की डील पर अब भी बातचीत की गुंजाइश हो सकती है।
📦 वैश्विक असर: क्या हो सकता है आगे?
⚙️ टेक्नोलॉजी सेक्टर पर संकट
रेयर अर्थ मिनरल्स पर प्रतिबंध से चिप निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरण के उद्योग पर असर पड़ सकता है।
🌽 कृषि निर्यात को झटका
अमेरिका के कृषि निर्यातक सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, खासकर मक्का, ज्वार और पोल्ट्री उत्पादों में।
🔒 कंपनियों की मुश्किलें बढ़ीं
ड्यूपॉन्ट और स्काईडियो जैसी कंपनियों के लिए चीन में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा।
चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर दुनिया की अर्थव्यवस्था को अनिश्चितता की ओर धकेल दिया है। जहां अमेरिका “डिकपलिंग” की नीति पर चल रहा है, वहीं चीन आक्रामक जवाब दे रहा है।
अब निगाहें होंगी कि क्या दोनों देश राजनयिक बातचीत की ओर लौटेंगे या वास्तविक ट्रेड वॉर की तरफ कदम बढ़ाएंगे।
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