आजादी की वो आखिरी रात: विभाजन का दर्द और नए युग की शुरुआत

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14 अगस्त 1947 की रात, जब भारत गुलामी की जंजीरों को तोड़ आजादी की दहलीज पर था, वह रात केवल जश्न की नहीं बल्कि बंटवारे के दर्द की भी थी। जानिए, उस ऐतिहासिक रात दिल्ली में क्या हो रहा था, संविधान सभा में कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, और कैसे इस आजादी की कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

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