कहतें हैं…. जनादेश… यदि खंडित हो… तो देश का बड़ा नुकसान हो जाता है। आर्थिक तौर पर भी… और समाजिक तौर पर भी…। आपको 90 का दशक का याद है…। बीपी सिंह से लेकर… अटलजी तक… सरकारें… दो साल भी… नहीं चल पा रही थी। देश को कई बार मध्यावधि चुनाव का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ा…। बार- बार आम चुनाव की वजह से राजकोष… का बेवजह… बहुत नुकसान हो गया…। महंगाई बढ़ी…। बेरोजगारी भी बढ़ी…। यह सभी कुछ… सिर्फ इसलिए हुआ… क्योंकि, हमने खंडित जानादेश दिया था। आज … आप तमाम मतदाताओं से कहना हैं… आप जिस गठबंधन के साथ है… रहिए… पूरी मजबूती के साथ रहिए…। क्योंकि, किसी कारणवश… यदि जनादेश खंडित हो गया… तो, फिर बाद में पछताने से… कुछ भी हासिल नहीं होगा।
क्या होता है खंडित जनादेश से…
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