डब्ल्यू एच ओ ने 194 देशों में की गई सर्वे के आधार पर जारी अपने की सांख्यिकीय रिपोर्ट में बताया है कि इस वक्त विश्व के तकरीबन 100 करोड़ लोग हाइपरटेंशन की चपेट में है और आलम यही रहा तो 2030 तक हमारी तीन चौथाई से अधिक की आबादी हाइपरटेंशन की चपेट में आ जायेगी। कहतें है कि हाइपरटेंशन वालो को हर्ड अटैक और दिमाग से जुड़ी बीमारी होने का खतरा कई गुणा तक बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त किडनी फेल्योर, विकलांगता या पैरालाइसिस होने का भी हमेशा खतरा बना रहता है। गांव के लोग भी तेजी से हाइपरटेंशन के शिकार होने लगे है। कहतें हैं कि समय रहते इस समस्या को समझा नही गया तो पूरा का पूरा गांव और शहर के इसके चपेट में आते देर नही लगेगा
This post was published on मई 23, 2018 19:00
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More