अंजुमन की इस कहानी में जानिए कैसे एक साधारण युवक ‘गरीबन’ ने अपने पिता के आशीर्वाद और ईमानदारी से अपनी तकदीर बदली। यह कहानी न सिर्फ़ पिता-पुत्र के संबंधों की गहराई को दिखाती है, बल्कि बुजुर्गों के आशीर्वाद की तासीर को भी नए सिरे से समझाने की एक अनूठी कोशिश है। अगर इस कहानी से आपके मन में कोई विचार उत्पन्न हो, तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं

