साहित्य की एक ऐसी रचना, जिसने हिन्दी को राष्ट्रीय पटल पर लाने की बुनियाद खड़ी कर दी। जिसने तिलिस्म की भंवर जाल के ताने बाने बूने और अय्यारी की आर में पुरुषार्थ के बेजोर मिशाल भी पेश कर दिया। दरअसल, यह एक प्रेम कथा है, जो दो दुश्मन राज घरानाओं के आपसी कशम-कश के इर्द गिर्द घूमती है। यह कहानी है हिन्दी के अद्भूत उपन्यास चन्द्रकांता की। चन्द्रकांता, यानी अय्यारी और तिलिस्म का महासंगम। देखिए, पूरी रिपोर्ट
This post was published on अगस्त 9, 2018 17:00
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