साहित्य की एक ऐसी रचना, जिसने हिन्दी को राष्ट्रीय पटल पर लाने की बुनियाद खड़ी कर दी। जिसने तिलिस्म की भंवर जाल के ताने बाने बूने और अय्यारी की आर में पुरुषार्थ के बेजोर मिशाल भी पेश कर दिया। दरअसल, यह एक प्रेम कथा है, जो दो दुश्मन राज घरानाओं के आपसी कशम-कश के इर्द गिर्द घूमती है। यह कहानी है हिन्दी के अद्भूत उपन्यास चन्द्रकांता की। चन्द्रकांता, यानी अय्यारी और तिलिस्म का महासंगम। देखिए, पूरी रिपोर्ट
This post was published on अगस्त 9, 2018 17:00
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More
सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक… Read More
KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की… Read More
322 ईसा पूर्व का काल जब मगध का राजा धनानंद भोग-विलास में लिप्त था और… Read More
नाग और सांप में फर्क जानने का समय आ गया है! हममें से अधिकांश लोग… Read More
नंदवंश के शासकों ने प्राचीन भारत के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। इस एपिसोड… Read More