लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार के मतदाओं की उदासीनता में गहरा संकेत छिपा होने की आशंका से राजनीति के सूरमाओं की नींद उचट गई है। एनडीए के कई सांसदो के प्रति असंतोष की उभार में पीएम मोदी का आकर्षण की धार भी कुंद पड़ता हुआ दीख रहा है। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के राजनीतिक प्रबंधन की वजह से भी एनडीए में सेंधमारी से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर वोटर की निष्क्रियता, मतदान के घटते प्रतिशत को इंगित करने लगा है। ऐसे में बिहार के मतदाता क्या कोई बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहें है। यह बड़ा सवाल है और इसका जवाब तलाशना भी बहुत आसान नहीं है।