खबरो की खबर के इस सेंगमेंट में आज लॉकडाउन, गाइडलाइन और ढ़ील जैसे शब्दो की पड़ताल करेंगे। लोगो को ठीक से यह नहीं मालुम है कि क्या करना चाहिए और क्यो करना चाहिए? आलम ये है कि अब हमे कोरोना के साथ जीना भी है और इससे बचना भी है। यह तभी संम्भव होगा, जब हम इसको ठीक से समझ पायेंगे। इससे भी बड़ी बात ये है कि सरकार की ओर आशा भरी नजरो से देखते रहने से बेहतर होगा कि हम अपने लिए खुद ही बेहतर बिकल्प तय करें। सरकार के लिए इंसान का जीवन बहुत मायने रखता है और सरकारे इस दिशा में काम भी कर रही है। पर, यह भी एक सच है कि सरकार के लिए देश का इकोनॉमी बचाना भी उतना ही जरुरी होता है। सरकार अब इस दिशा में भी काम करने लगी है। विरोधाभाष देखिए। इकोनॉमी को बचाना है तो लोगो को छूट देनी होगी और इससे कारोना के संक्रमण को फैलने से रोक पाना मुश्किल हो जायेगा। दूसरी ओर यदि संक्रमण को रोकना है तो लॉकडाउन का सख्ती से पालन करना होगा। किंतु, इससे देश की इकोनॉमी बर्बाद हो जायेगी। सवाल ये कि ऐसे में करें तो क्या करें? देखिए इस रिपोर्ट में…