केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश में सात लोगों की मौत

Kedarnath Helicopter Crash

KKN गुरुग्राम डेस्क | धार्मिक स्थल केदारनाथ से लौटते समय श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा एक हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में महाराष्ट्र से आए एक दंपति और उनकी 10 वर्षीय बच्ची भी शामिल है। यह हेलीकॉप्टर आर्यन एविशन (Aryan Aviation) कंपनी का था।

हादसा रविवार सुबह लगभग 5:17 बजे हुआ, जब हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ हेलीपैड से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन रास्ते में मौसम खराब हो गया और हेलीकॉप्टर ने आपात स्थिति में लैंडिंग करने की कोशिश की, जो असफल रही और चॉपर गौरीकुंड के ऊपर धुरी खर्क क्षेत्र में क्रैश हो गया।

कैसे हुआ हादसा? – हेलीकॉप्टर दुर्घटना की पूरी जानकारी

यह हेलीकॉप्टर तीर्थ यात्रियों को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा था। उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही क्षेत्र में अचानक तेज हवाएं और बादल छा गए। स्थानीय ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि उन्होंने हेलीकॉप्टर को असामान्य रूप से हिलते हुए देखा, और फिर तेज आवाज के साथ गिरते देखा।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), स्थानीय प्रशासन, और हेलीकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे तथा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार मौके पर पहुंचे और हादसे की पुष्टि की।

 हादसे में मारे गए सात लोगों की सूची

इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार सात लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान निम्नलिखित रूप में की गई है:

  1. राजवीर – पायलट

  2. विक्रम रावत – बीकेटीसी कर्मचारी, रासी ऊखीमठ

  3. विनोद

  4. तृष्टि सिंह

  5. राजकुमार

  6. श्रद्धा जायसवाल – महाराष्ट्र निवासी

  7. राशि – बालिका, उम्र 10 वर्ष

तकनीकी खराबी और खराब मौसम बताई जा रही वजह

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी थी और उसे उड़ान के दौरान खराब मौसम का सामना करना पड़ा। कम विज़िबिलिटी, तेज पहाड़ी हवाएं, और तेज बारिश के चलते पायलट को आपात लैंडिंग करनी पड़ी, लेकिन हेलीकॉप्टर गौरिकुंड के पास पहाड़ी पर जाकर टकरा गया।

यह इस सीजन की सबसे गंभीर और घातक दुर्घटना है। गौरतलब है कि 2 मई को चारधाम यात्रा के कपाट खुलने के बाद यह पांचवीं हेलीकॉप्टर से जुड़ी घटना है, लेकिन इस बार सात लोगों की मौत ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है।

दुर्घटनास्थल कहां है?

हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के ऊपरी हिस्से, धुरी खर्क जंगल क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह इलाका बेहद दुर्गम है और वहां तक पहुंचने में राहत टीम को काफी पैदल चलकर जाना पड़ा।

  • स्थान: धुरी खर्क, गौरीकुंड

  • जिला: रुद्रप्रयाग

  • स्थिति: घना जंगल और ऊंचा पहाड़ी इलाका

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“रुद्रप्रयाग जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की बेहद दुखद खबर मिली है। SDRF, स्थानीय प्रशासन और अन्य राहत दल घटनास्थल पर बचाव कार्य में लगे हैं। बाबा केदार से सभी यात्रियों की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।”

मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और चारधाम यात्रा के दौरान चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने को कहा है।

 स्थानीय लोगों ने देखी दुर्घटना, वीडियो वायरल

हादसे के चश्मदीदों में शामिल नेपाली मूल की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सुबह एक जोरदार धमाका सुना। घटनास्थल पर पहुंचने पर देखा कि हेलीकॉप्टर धधक रहा था और चारों ओर मलबा फैला हुआ था।

स्थानीय लोगों ने हादसे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। प्रशासन ने लोगों से भ्रामक वीडियो से बचने और केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करने की अपील की है।

 क्या सुरक्षित हैं चारधाम की हेलीकॉप्टर सेवाएं?

केदारनाथ जैसे दुर्गम तीर्थस्थल तक पहुंचने के लिए हर साल हजारों तीर्थयात्री हेलीकॉप्टर सेवाओं का सहारा लेते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इन सेवाओं को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि:

  • हेलीकॉप्टर उड़ानों के लिए रियल टाइम मौसम निगरानी सिस्टम की जरूरत है।

  • पायलटों की ट्रैकिंग और मार्गदर्शन प्रणाली मजबूत होनी चाहिए।

  • पुराने हेलीकॉप्टर मॉडल की तकनीकी समीक्षा अनिवार्य की जानी चाहिए।

 दुर्घटना का समयानुसार घटनाक्रम

समयगतिविधि
5:17 AMकेदारनाथ से हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी
5:20 AMमौसम खराब होना शुरू हुआ
5:25 AMइमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश
5:30 AMहादसे की सूचना ग्रामीणों ने दी
6:30 AMSDRF और प्रशासन मौके पर पहुंचे
9:30 AMसभी शव बरामद कर लिए गए

केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम चारधाम जैसे संवेदनशील तीर्थ क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम कर पा रहे हैं? यात्रियों की जान की कीमत पर अव्यवस्था और निगरानी की कमी अब बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

सरकार को चाहिए कि वह:

  • सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा ऑडिट कराए

  • मौसम के अनुकूल उड़ानों को ही अनुमति दे

  • यात्रियों को रियल टाइम अपडेट और अलर्ट सिस्टम प्रदान करे

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