बदरीनाथ के पास माणा गांव में Avalanche, कई मजदूर बर्फ में दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Avalanche Near Badrinath’s Mana Village: Workers Trapped Under Snow

KKN  गुरुग्राम डेस्क |  उत्तराखंड के बदरीनाथ (Badrinath) के सीमांत माणा गांव (Mana Village) के पास 1 मार्च 2025 की सुबह करीब 7:15 बजे एक हिमस्खलन (Avalanche) हुआ, जिसमें कई मजदूर बर्फ में दब गए। ये मजदूर नियमित रूप से सेना के लिए Snow Clearing का काम कर रहे थे, जब अचानक यह हादसा हुआ।

Avalanche in Badrinath: माणा गांव में भारी हिमस्खलन

माणा गांव भारत-चीन सीमा (India-China Border) के पास स्थित है और यह इलाका हमेशा से भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के लिए संवेदनशील (Avalanche Prone Area) रहा है। यहां सीमा सड़क संगठन (BRO) और अन्य एजेंसियों के मजदूर लगातार सड़कों से बर्फ हटाने का काम करते हैं ताकि सेना और अन्य आवश्यक सेवाओं का आवागमन बना रहे

लेकिन शनिवार सुबह अचानक हुए हिमस्खलन ने Snow Clearing में लगे मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय प्रशासन और सेना ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया

Badrinath Avalanche Rescue Operation: राहत और बचाव कार्य जारी

रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन, सेना (Indian Army) और आपदा प्रबंधन बल (Disaster Response Teams) मिलकर लापता मजदूरों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं

✅ बचाव कार्य में भारी मशीनरी और स्नो कटिंग उपकरण का उपयोग किया जा रहा है।
✅ बर्फबारी और खराब मौसम के कारण रेस्क्यू में कठिनाई हो रही है।
✅ एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं।

Uttarakhand Government ने घटना को गंभीरता से लेते हुए तेजी से राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

Avalanche Prone Area: उत्तराखंड में बार-बार होते हैं हिमस्खलन

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र (Himalayan Region) में बार-बार हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। खासकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में हर साल सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है।

कुछ पिछले बड़े हिमस्खलन हादसे:

📌 2022 – उत्तरकाशी के Draupadi Ka Danda Glacier में हिमस्खलन, कई पर्वतारोहियों की मौत।
📌 2023 – Nanda Devi Glacier में Avalanche, जिसमें कई जवान और मजदूर लापता हुए।
📌 2024 – जोशीमठ के पास भारी हिमस्खलन, कई घर और सड़कें प्रभावित।

इस बार भी IMD (Indian Meteorological Department) ने Avalanche Warning जारी की थी, लेकिन फिर भी हादसा हो गया।

Army Movement और Snow Clearance क्यों जरूरी है?

उत्तराखंड और लद्दाख जैसे हाई-ऑल्टिट्यूड एरिया (High Altitude Areas) में सेना की आवाजाही बनाए रखना बेहद जरूरी होता है

✅ सीमा सुरक्षा के लिए (Border Security) – चीन सीमा (China Border) पर सेना का मूवमेंट बाधित न हो।
✅ सामरिक महत्व (Strategic Importance) – आपातकालीन स्थिति में सेना और जरूरी सामान समय पर पहुंच सके।
✅ लोकल ट्रांसपोर्ट (Local Connectivity) – इस इलाके में तीर्थयात्री, पर्यटक और स्थानीय लोग यात्रा करते हैं।

यही वजह है कि BRO और अन्य एजेंसियों के मजदूर लगातार Snow Clearing का काम करते हैं। लेकिन इस बार अचानक आए Avalanche ने बड़ी तबाही मचा दी

Badrinath Avalanche: उत्तराखंड सरकार की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड सरकार और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO Uttarakhand) ने तुरंत राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया है।

राज्य सरकार ने कहा है कि –
➡️ बचाव कार्य में कोई लापरवाही नहीं होगी।
➡️ जल्द से जल्द लापता मजदूरों को खोजकर सुरक्षित निकाला जाएगा।
➡️ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे।

सरकार इस हादसे से सीख लेते हुए मौसम निगरानी प्रणाली (Weather Monitoring System) को और मजबूत करने की योजना बना रही है।

क्या इस इलाके में यात्रा करना सुरक्षित है?

अगर आप Badrinath Dham Yatra या Himalayan Trekking की योजना बना रहे हैं, तो फिलहाल यात्रा स्थगित करना बेहतर होगा

✅ IMD लगातार Weather Updates जारी कर रहा है।
✅ Border Road Organisation (BRO) बर्फ हटाने का काम कर रहा है।
✅ यात्रियों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।

अगर आप उत्तराखंड में यात्रा कर रहे हैं, तो सरकार और मौसम विभाग की एडवाइजरी का पालन करें।

बदरीनाथ के पास माणा गांव में हुए हिमस्खलन (Avalanche in Badrinath) ने एक बार फिर इस इलाके की चुनौतियों को उजागर कर दिया है।

➡️ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मजदूरों को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
➡️ उत्तराखंड में Avalanche और Landslide जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिन्हें रोकने के लिए बेहतर मॉनिटरिंग सिस्टम जरूरी है।
➡️ पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे सावधानी बरतें और सरकार की गाइडलाइन का पालन करें।

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