KKN गुरुग्राम डेस्क | राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्डतोड़ वृद्धि हुई है। इस बढ़ती भीड़ को सुव्यवस्थित करने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने सरयू नदी पर भारत का पहला फ्लोटिंग स्नान घाट बनाने की योजना बनाई है।
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यह आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल घाट, श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुविधाजनक और भव्य स्नान का अनुभव प्रदान करेगा।
फ्लोटिंग स्नान घाट क्या है?
परंपरागत घाटों के विपरीत, फ्लोटिंग स्नान घाट एक तैरती हुई संरचना होगी, जो नदी के जल स्तर के अनुसार अपने आप समायोजित होगी। पॉन्टून और मजबूत फाइबर सामग्री से बना यह प्लेटफॉर्म, जल प्रवाह के उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिर रहेगा।
अयोध्या फ्लोटिंग स्नान घाट पर एक साथ लगभग 300 श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकेंगे। यह आधुनिकता और आस्था का अनूठा संगम होगा, जहां श्रद्धालुओं को पारंपरिक श्रद्धा के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा।
फ्लोटिंग स्नान घाट की प्रमुख विशेषताएं
सरयू नदी पर बनने वाला यह फ्लोटिंग घाट कई आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा:
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सुरक्षा बैरियर और मजबूत रेलिंग: स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
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चेंजिंग रूम: स्नान से पहले और बाद में कपड़े बदलने की सुविधा।
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विश्राम हेतु बेंच: थके हुए श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थान।
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आपातकालीन बचाव बोट: किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता।
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सोलर पावर लाइटिंग: रात में घाट को रोशन करने के लिए पर्यावरण अनुकूल सोलर लाइटें।
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आसपास छोटी दुकानें: धार्मिक सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता।
रात्रि में जब सोलर लाइट्स की रोशनी घाट को नहला देगी, तब श्रद्धालु एक अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कर सकेंगे।
अयोध्या को मिलेगा धार्मिक पर्यटन का नया आयाम
अयोध्या विकास प्राधिकरण इस फ्लोटिंग घाट परियोजना की निगरानी कर रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी पांडेय ने जानकारी दी है कि फ्लोटिंग स्नान घाट का डिज़ाइन पूरा हो चुका है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यह परियोजना अयोध्या के धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा देगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। इसके अलावा, यह अयोध्या को वैश्विक धार्मिक मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करने में मदद करेगा।
सरयू नदी में आस्था और तकनीक का संगम
सरयू नदी में स्नान करने की परंपरा सदियों पुरानी है। अब आधुनिक तकनीक की मदद से यह अनुभव और भी सुरक्षित और यादगार बनाया जा रहा है। श्रद्धालु सरयू की लहरों पर तैरते इस घाट पर डुबकी लगाकर न केवल अपनी आस्था को प्रकट करेंगे, बल्कि अयोध्या के नए युग का साक्षी भी बनेंगे।
पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान
इस फ्लोटिंग स्नान घाट परियोजना में पर्यावरणीय दृष्टिकोण का विशेष ध्यान रखा गया है। नदी के किनारों पर भारी निर्माण कार्य के बजाय तैरते प्लेटफॉर्म के प्रयोग से जल जीवन और प्राकृतिक संतुलन को क्षति नहीं पहुंचेगी।
साथ ही, सोलर ऊर्जा का उपयोग कर पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जाएगा। घाट पर साफ-सफाई और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे, जिससे सरयू नदी की पवित्रता बरकरार रहेगी।
आर्थिक विकास और स्थानीय लाभ
फ्लोटिंग स्नान घाट केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि यह स्थानीय आर्थिक विकास का भी माध्यम बनेगा:
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पर्यटन में बढ़ोतरी: देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में अयोध्या आएंगे।
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रोजगार के अवसर: स्थानीय दुकानदारों, गाइड्स, परिवहन सेवाओं और होटल व्यवसायियों को लाभ होगा।
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वैश्विक पहचान: अयोध्या आधुनिक धार्मिक पर्यटन का आदर्श उदाहरण बन सकती है।
अयोध्या फ्लोटिंग स्नान घाट एक अद्भुत पहल है जो आस्था और नवाचार का सम्मिलन प्रस्तुत करती है। राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में जो अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, उसे सुव्यवस्थित करने और उनके अनुभव को भव्य बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
बहुत जल्द, श्रद्धालु सरयू नदी की गोद में तैरते इस घाट पर स्नान करते समय एक नए अयोध्या के साक्षी बनेंगे — जहाँ परंपरा, तकनीक और प्रकृति एक साथ मिलकर एक दिव्य अनुभव प्रदान करेंगे।
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