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प्रकृति संकट में है! क्या भारत अपनी जड़ों को भूल रहा है?

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र साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस अब सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – पृथ्वी खतरे में है! 2025 की थीम है: “Nature for Future: Youth, Innovation and Sustainability” यानि भविष्य के लिए प्रकृति… लेकिन क्या हम वाकई इसके लिए तैयार हैं? भारत की संस्कृति ने सदियों से वृक्षों, नदियों और पर्वतों को पूजनीय माना है, लेकिन आज वायु, जल और जमीन – सब पर संकट गहराता जा रहा है।


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