श्रेयस अय्यर का काउंटर अटैकिंग खेल: भारत के मध्य क्रम में उनके योगदान की अहमियत

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत और इंग्लैंड के बीच 12 फरवरी 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए तीसरे वनडे मैच में भारत ने इंग्लैंड के सामने 357 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। इस मैच ने कई महत्वपूर्ण पल देखे, और खासतौर पर इंग्लैंड के लक्ष्य का पीछा करते समय भारत की शानदार गेंदबाजी और श्रेयस अय्यर की अद्भुत बल्लेबाजी ने भारत को एक शानदार जीत दिलाई। भारत ने इस मैच में 142 रनों से जीत दर्ज की और श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की।

इंग्लैंड की मजबूत शुरुआत

इंग्लैंड ने 357 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन शुरुआत की थी। पहले छह ओवरों में इंग्लैंड बिना कोई विकेट खोए 60 रन बना चुका था। बेन डकेट, खासकर, तेज़ी से रन बना रहे थे और उन्होंने 34 रन बना लिए थे। डकेट का खेल हालांकि उनकी ग्रोइन इंजरी के बावजूद जारी था, जिससे उनका मूवमेंट थोड़ा सीमित था। हालांकि, वह फिर भी गेंद को हर दिशा में हिट कर रहे थे।

इस पर भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने स्थिति को संभालने के लिए अपनी रणनीति बदली। उन्होंने अर्शदीप सिंह से धीमी गेंदें फेंकवाने की योजना बनाई। अर्शदीप ने इस रणनीति को अपनाया और डकेट को एक धीमी गेंद पर आउट कर दिया, जिससे भारतीय टीम का मूड बदल गया और मैच भारत के पक्ष में आ गया।

श्रेयस अय्यर का योगदान

श्रेयस अय्यर का योगदान भारत के मध्यक्रम में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ। अय्यर ने एक शानदार काउंटर अटैकिंग बैटिंग की और टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। जब भारत ने विराट कोहली का विकेट खो दिया था, तब श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल ने मिलकर एक मजबूत साझेदारी बनाई और टीम को एक बड़े टोटल की ओर बढ़ाया।

अय्यर का काउंटर अटैकिंग एप्रोच उसे भारतीय मध्यक्रम में एक आदर्श बल्लेबाज बनाता है। उनका आत्मविश्वास और दबाव में भी आक्रामक खेल दिखाने की क्षमता उन्हें महत्वपूर्ण बनाती है। अय्यर की बैटिंग शैली में बदलाव भी देखने को मिला है। उन्होंने इस सीजन में शॉर्ट बॉल के खिलाफ अपनी तकनीक पर काम किया है, और इसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं।

अय्यर की बैटिंग तकनीक

श्रेयस अय्यर की शॉर्ट-पिच डिलीवरी के खिलाफ तकनीक में सुधार हुआ है। पहले रणजी क्रिकेट में उन्होंने अपने पैरों को खोलकर खेलने की कोशिश की थी, जिससे गेंद को सही ढंग से हिट किया जा सके। अब उन्होंने अपने सिर की स्थिति को अधिक पारंपरिक रूप में रखा है, लेकिन पैरों का खुला रुख बनाए रखा है। इस बदलाव ने उन्हें बेहतर तरीके से गेंदों को खेलकर प्रभावी शॉट्स खेलने में मदद की है।

मार्क वुड जैसे तेज़ गेंदबाजों के खिलाफ अय्यर ने अच्छा प्रदर्शन किया। उनकी बैटिंग शैली में काउंटर अटैक और स्टेबल डिफेंस का बेहतरीन मिश्रण है। अय्यर ने मुश्किल परिस्थितियों में भी अपनी बैटिंग के तरीके को सुधारते हुए अपने खेल को परिपक्व किया है।

भारतीय मध्यक्रम में श्रेयस अय्यर की भूमिका

भारतीय क्रिकेट टीम में श्रेयस अय्यर का मध्यक्रम में होना एक मजबूती है। उनकी काउंटर अटैकिंग बैटिंग शैली उन्हें इस भूमिका के लिए आदर्श बनाती है। अय्यर ने अपनी आक्रामक बैटिंग से कई बार भारतीय टीम को मुश्किल से उबार लिया है। वह कठिन समय में भी रन बनाते रहते हैं और टीम को संघर्ष से उबारने की क्षमता रखते हैं।

किसी बड़े पतन की स्थिति में अय्यर एक अच्छा बैकअप है। अगर भारत को तेजी से रन बनाने की जरूरत हो, तो अय्यर का आक्रामक रवैया उसे इस स्थिति में परफेक्ट बनाता है। उसके बाद के बल्लेबाज के रूप में KL राहुल का होना भारत के लिए एक और मजबूती है, जो एक संतुलित खेल की पेशकश करते हैं।

शुभमन गिल और विराट कोहली का योगदान

भारत के लिए शुभमन गिल और विराट कोहली का योगदान भी महत्वपूर्ण था। दोनों ने शुरुआत में माक वुड जैसे तेज गेंदबाजों के खिलाफ धैर्य दिखाया और अपनी साझेदारी को लंबा किया। गिल ने अपनी बल्लेबाजी में समझदारी दिखाई और गेंदबाजों को ठीक से चुना। उनका खेल बिना किसी घबराहट के था, और उन्होंने शॉट्स के चयन में पूरी तरह से संतुलन बनाए रखा।

गिल के शतक ने भारत को एक मजबूत स्थिति में रखा, लेकिन विराट कोहली का विकेट गिरने से थोड़ी परेशानी आई। कोहली को आदिल राशिद ने आउट किया, जो उनकी गेंदबाजी के खिलाफ एक अच्छी डिलीवरी थी। कोहली ने इस सीरीज में राशिद के खिलाफ एक और विकेट गंवाया, जो इस प्रकार का उनका पांचवां मौका था।

इंग्लैंड की बल्लेबाजी में गिरावट

इंग्लैंड के लिए, भारतीय गेंदबाजों ने अपने अच्छे खेल से उन्हें दबाव में रखा। अर्शदीप सिंह ने धीमी गेंदों का इस्तेमाल किया और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को गलत शॉट खेलने पर मजबूर किया। जब फील्डिंग में भी रोहित शर्मा ने दखल दिया, तो टीम ने और बेहतर प्रदर्शन किया। इंग्लैंड के बल्लेबाज लगातार विकेट गंवाते गए, और भारत के गेंदबाजों ने मैच को अपने पक्ष में कर लिया।

इंग्लैंड के बल्लेबाज जॉस बटलर, हैरी ब्रूक, और जो रूट लगातार आउट होते गए। हार्शित राणा और अक्षर पटेल की गेंदबाजी ने इंग्लैंड के बैटिंग लाइनअप को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। अंत में इंग्लैंड का स्कोर 161/6 था, जो कि मैच के परिणाम का संकेत था।

भारतीय गेंदबाजी और रणनीति

भारत की गेंदबाजी रणनीति बेहद प्रभावी रही। अर्शदीप, हार्शित राणा, और अक्षर पटेल ने संयम के साथ गेंदबाजी की और इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। गेंदबाजों ने अपनी गति में बदलाव किया, धीमी गेंदें डालीं, और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लगातार गलत शॉट्स खेलने के लिए मजबूर किया।

रोहित शर्मा ने फील्ड सेटिंग में भी कई दखल दिए। उन्होंने खिलाड़ियों को सही दिशा में फोकस करने के लिए प्रेरित किया और मैच के हर पल को नियंत्रित किया।

श्रेयस अय्यर की शानदार काउंटर अटैकिंग बैटिंग और भारतीय टीम की संतुलित प्रदर्शन ने इस मैच को भारत के पक्ष में किया। उनका मध्यक्रम में होना भारत की टीम के लिए एक बड़ी मजबूती है। अय्यर की आक्रामक शैली और उनकी बल्लेबाजी में सुधार यह दर्शाते हैं कि वह भारतीय टीम के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुके हैं।

भारत के गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने एक टीम के रूप में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस जीत ने यह साबित कर दिया कि टीम की एकजुटता और रणनीतिक खेल की वजह से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच को पूरी तरह से कंट्रोल किया। इस जीत के बाद, भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है और आगामी मुकाबलों में उनका प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply