Society

नींद तो खुली… पर बिलम्ब हो गया

खुलेआम घूम रहें हैं संदिग्ध

KKN न्यूज ब्यूरो। मंसूख लाल (काल्पनिक नाम)… एक सप्ताह पहले महाराष्ट्र से लौटा है। वह द‍िहाड़ी मजदूर है और मुंबई में रह कर मजदूरी करता था। यहां गांव में लोग उसको शक की नजरो से देखते है। लोगो को डर हे कि मंसूख को कोरोना हुआ तो क्या होगा? फिलहाल, मंसूख में बीमारी के कोई लक्षण नहीं है और वह लोगो से मिलजुल रहा है। गांव के हाट बजार भी जा रहा है। सवाल उठता है कि बाद में यदि मंसूख में कोरोना के लक्षण मिल गए… तो क्या होगा? बिहार के गांवों में मंसूख अकेला नहीं है। बल्कि, उत्तर बिहार के गांवों में ऐसे दर्जनो मंसूख है, जो इसी तरह से घूम-फिर रहें है।

गंभीर हुई सरकार

यह सच है कि सरकार प्रवासी मजदूरो को लेकर गंभीर हो गई है। मेडिकल की टीम प्रवासी मजदूरो तक पहुंच भी रही है। पंचायत प्रतिनिधियों को भी सर्तक रहने को कह दिया गया है। जरुरत पड़ने पर ऐसे लोगो को समीप के सरकारी स्कूल में कोरंटाइन करने का आदेश जारी है। इधर, गौरकरने वाली बात ये है कि मेडिकल की टीम ऐसे प्रवासी मजदूरो से मिल कर उनका केश हिस्ट्री नोट करके लौट रही है। डॉक्टर के लौटते ही गांव में खबर फैलती है कि जांच हो गया और मंसूख ठीक है। इसी के साथ बाकि के सभी एक दर्जन मजदूरो की भी जांच हो गई और सभी ठीक है। जबकि, सच ये कि जांच नहीं हुई और सिर्फ केश हिस्ट्री ली गई है।

पॉजिटिव निकला तो…

मोटे अनुमान के मुताबिक बिहार के गांवो में इस वक्त करीब पांच हजार मंसूख है और इसमें से पांच भी पॉजिटिव निकला तो क्या होगा? पिछले एक सप्ताह में वह पांच… और कितने से मिले होंगे और फिर वह और कितने से मिले होंगे? पता लागाना आसान नहीं होगा। तुर्रा ये कि पिछले दिनो मंसूख गांव के हाट भी गया था। हाट में आधा दर्जन गांव के दो हजार लोग थे। पिछले एक सप्ताह में उत्तर बिहार के सैकड़ो हाट में घूम रहे ऐसे दर्जनो मंसूख… जाने अनजाने में कितने लोगो के संपर्क में आये होंगे… चाय-नाश्ते की दुकान पर टेबुल, बेंच और ग्लाश के संपर्क में आया होगा। यानी, सीधे तौर पर मंसूख के संपर्क में नहीं आने वाले भी संक्रमण के शिकार हो सकते है। अब कैसे मालुम चलेगा कि वह कौन थे ? अच्छी बात ये कि देश लॉकडाउन में है। बर्ना, अभी तक हममें से कितने लोग मंसूख बन चुके होते!

बुरा मान जातें है लोग

करीब आकर बात करने की परंपरा इन दिनो बिहार के गांवो में मुश्किलें पैदा कर रही है। दूर रहने को कहिए, तो लोग भड़क जातें है। इसे अन्यथा ले लिया जाता है। हालांकि, अधिकांश लोग ऐसा नहीं करते। पर, हाट और बाजार में जुट रही भीड़ अभी भी बेकाबू है। यहां संक्रमण फैलने का जबरदस्त खतरा है। बेशक कड़ाई होगा। पर, तबतक लेट हो चुका होगा।

ये भी देखे :

This post was published on मार्च 27, 2020 16:25

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Videos

गिद्धों के विलुप्त होने की चौंकाने वाली हकीकत – क्या मानव जीवन खतरे में है?

या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More

दिसम्बर 18, 2024
  • Videos

1947 का बंटवारा: घोड़ागाड़ी से ट्रॉम्बोन तक की कड़वी हकीकत

भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More

दिसम्बर 11, 2024
  • Videos

पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?

7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More

नवम्बर 20, 2024
  • Videos

लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष की रोचक दास्तान

सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More

नवम्बर 13, 2024
  • Videos

भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More

नवम्बर 6, 2024
  • Videos

मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More

अक्टूबर 23, 2024