16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ जो हुआ । वह वास्तव में एक घिनौना हरकत था। जिसपर पूरा देश एक जुट हो उन चारो दोषियों को सख्त सजा की मांग की । हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी। इससे आज पूरा देश खुश है। किन्तु उन चारो दोषियों अक्षय मुकेश पवन और विनय को कम से कम फाँसी की सजा मिलने में दो साल लग सकता है। नियम के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक महीने के अंदर अपील फाइल की जा सकती है। दोबारा विचार का अनुरोध कोर्ट से किया जा सकता है। उसके बाद उपचारत्मक याचिका भी तय सीमा के अंदर किया जा सकता है। तदनुपरांत गवर्नर के पास भी अपील की जा सकती है। अनुच्छेद 161 के तहत गवर्नर को सजा कम करने का विशेषाधिकार प्राप्त है। उसके बाद दोषी राष्ट्रपति के पास भी फाँसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील हेतु अपील अनुरोध कर सकता है। हालांकि कानून के जानकर बताते है कि एक्ट 39 के अनुसार जीवन छीनने का अधिकार किसी के पास नही है। इसमें तकनीकी पक्ष को रखने में कुछ वक्त लग जाता है। अंत में दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकता है। किन्तु ऐसा देखा जा रहा है कि कई दया याचिका काफी दिनों से लम्बित है। दया याचिका के वापसी के बाद 15 दिनों बाद ही डेथ वारंट जारी किया जाता है। इस तरह अगर चारो दोषी अपील में जाते है और इन सबो प्रक्रियो से गुजरता है तो कम से कम दो साल लग सकता है।
This post was published on मई 6, 2017 15:05
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