नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के एक सवाल पर पीएम मोदी ने अपने ही मंत्री के द्वारा जारी की गई आदेश को पलट दिया है। मामला फेक न्यूज से जुड़ा है।
दरअसल, मामला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़ा है। मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा था कि गलत खबर देने या उसका प्रचार करने वाले पत्रकार की अधिमान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है। इस पर सांसद अहमद पटेल ने सूचना मंत्रालय के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि सरकार यह कैसे तय करेगी कि कोई समाचार फेक न्यूज है या नही? इसके बाद पीएम मोदी ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए आदेश दिया है कि फेक न्यूज के मामले में कोई भी फैसला लेने का हक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को ही मिलना चाहिए।
इससे पहले अहमद पटेल ने कहा कि सरकार की मंशा स्वतंत्र और खुलकर पत्रकारिता करने वालों पत्रकारों नकेल कसने की है, जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है। इससे प्रजातंत्र खतरे में पड़ सकता है। बतातें चलें कि पहले से ही कई संगठनो के आक्रोश को झेल रही केन्द्र की सरकार अब और कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। लिहाजा, मीडिया को लेकर उस पर बंदिशें लगाने के आरोप लगते ही प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस मामले के तूल पकड़ने के पहले ही रोकने की कोशिश की है।
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