सोमवार, जुलाई 7, 2025
होमKeralaकेरल की बाढ़ से सबक लेंगे या इसे भूल कर बड़ी मुसीबत...

केरल की बाढ़ से सबक लेंगे या इसे भूल कर बड़ी मुसीबत का इंतजार करेंगे?

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

भारत के राज्य केरल में आई प्रलयंकरकारी बाढ़ में डूब कर अब तक करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 10 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा है और निजी व सरकारी संपत्तियों के नुकसान का आंकड़ा आना अभी बाकी है। किंतु, मोटे अनुमान के मुताबिक नुकसान हजारों करोड़ में पहुंचेगा। स्थति सामान्य होने के बाद राज्य की सरकार को अपनी अर्थव्यवस्था, आधारभूत संरचना और जन-स्वास्थ्य को फिर से पटरी पर लाने की जबरदस्त मशक्कत करनी पड़ेगी। कहा जा रहा है कि पिछले 100 वर्षों में ऐसी मूसलाधार बारिश नहीं हुई थी। नतीजा केरल के सभी बांध, जलाशय, झील और तालाब पानी से लबालब भर गए। हालात ऐसी बिगड़ी कि करीब 80 बांधों के गेट खोलने पड़े, जिसके कारण निचले इलाकों में सैलाब उमड़ आया। पानी के तेज बहाव ने अपने साथ मिट्टी बहा ले गई। इसने भू-स्खलन हुआ और गांवों व शहरो में तबाही कहर बन गई। कहतें है कि केरल के 14 जिले बाढ़ से त्रस्त हैं। लिहाजा, हम सभी के मन में एक सवाल तैरने लगा है कि क्या केरल की इस विनाशकारी बाढ़ से हमारी सरकारें कुछ सबक सिखेंगी? क्या हम विकास के नाम पर प्राकृति का अंधाधूंध दोहन करना बंद कर देंगे या इस महाविनाश को हम वक्त के साथ भूला देंगे?

मदद हेतु एकजुट हुए लोग

बहरहाल, केरल के सभी राजनीतिक दल और नेता पूरी एकजुटता के साथ इस अभूतपूर्व कुदरती संकट का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पी विजयन ने राज्य के पुनर्निर्माण का वादा किया है। वर्दीधारी जवानों की दिलेरी, आपदा राहत में जुटे लोगों के पराक्रम, पायलटों के साहस, मछुआरों व विभिन्न समूहों के स्वयंसेवकों की नि:स्वार्थ सेवा की जैसी-जैसी कहानियां सुनने को मिल रही हैं, वे सचमुच दिल को छू लेने वाली हैं। केरल वासियों की मदद के लिए चौतरफा अपील का असर देश भर में दिख रहा है। अनेक राज्य सरकारों ने अपनी तरफ से बाढ़ राहत कोष में धन जमा कराया है। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक राहत के तौर पर केंद्र सरकार से 2,250 करोड़ रुपये की मांग की है। इधर, केंद्र ने प्रथम किस्त में 750 करोड़ की मदद का एलान भी कर दिया है। कॉग्रेस ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है।

महामारी को फैलने से रोकने की चुनौती

दरअसल, केरल के लोगों को कपड़ों और घरेलू सामान से ज्यादा पीने के साफ पानी, दवा, डॉक्टर और अन्य सहायकों की इस वक्त अधिक दरकार है। जरुरी है कि केरल के बाढ़ प्रभावित इलाको में किसी भी प्रकार की महामारी को पांव पसारने से पहले ही उसे रोका जा सके। राज्य को बड़ी संख्या में प्लंबर, बिजली मिस्त्री, राज मिस्त्री और कामगारों की भी जरूरत होगी। ताकि, उनकी मदद से जनोपयोगी सेवाएं शीघ्र चालू की जा सकें और यह सूबा फिर से पटरी पर लौट पाए।

खतरे का बड़ा संकेत

सवाल वही कि प्रकृतिक आपदाओं से कैसे निपटा जाये? ऐसी आपदाएं अब रूटीन का हिस्सा नहीं बनने लगी हैं। आपको याद ही होगा कि बादल-फटने से उत्तराखंड में कैसी विध्वंसकारी बाढ़ आई थी और श्रीनगर, मुंबई व चेन्नई की बाढ़ को भी हम अभी भूलें नहीं हैं। राजस्थान से उठी धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली का वायु प्रदूषण हो या मृदा प्रदूषण से बढ्ते कैंसर का खतरा? भूल गए कया? क्या हमारी याददाश्त इतनी कमजोर हो गई है? यह स्थिति सिर्फ भारत की नहीं है। बल्कि, यूरोप, जापान, यहां तक कि उत्तरी ध्रुव के कई देशों में भी इस साल भयंकर गरमी पड़ी। इनमें से कुछ जगहों पर तो तापमान 109 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच गया था। अमेरिका के कई इलाकों में भी इस साल भयानक बाढ़ आई। आखिर ये घटनाएं और आपदाएं क्या संकेत दे रही हैं?

सरकारे उदासीन है आबाम लापरबाह

शायद आपको याद हो कि पर्यावरण विज्ञानी लंबे वक्त से ग्लोबल वार्मिंग के बारे में हमें आगाह करते आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसके कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा और कई तटीय इलाके अगले दो दशक में डूब जाएंगे। लेकिन क्या इस आसन्न स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास कोई ठोस योजना है? हरेक प्राकृतिक आपदा के बाद राजनेता बेबस हो अपने हाथ खड़े कर देते हैं। अक्सर आम आदमी ही अपने इलाके की त्रासदी से जूझने का साहस दिखाता है। वैज्ञानिक माधव गाडगिल ने वर्षों पहले अपनी रिपोर्ट में इन स्थितियों के बारे में हम सभी को आगाह कर दिया था। बावजूद इसके खनन माफिया, रेत माफिया और स्टोन माफिया पूरे देश में अपनी कारस्तानी जारी रखे हुए हैं। क्या आपको लगता है कि राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत के बगैर ही यह मुमकिन हो रहा है?

खतरा और बढ़ने का संकेत

कहतें हैं कि साफ हवा और स्वच्छ जल इंसान के वजूद की बुनियादी जरूरतें हैं। पर, संसार भर के सत्ताधारी वर्ग द्वारा ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बरती जा रही उदासीनता को देखकर पर्यावरणविद और बौद्धिक वर्ग हैरान हैं। दरअसल, कड़वी हकीकत को हम तभी समझते हैं, जब किसी आपदा के शिकार हो जाए। लिहाजा, आज हम कह सकतें है कि आने वाले दिनों में ऐसी कुदरती आपदाओं की संख्या और बढ़ने वाली हैं। पिछली एक सदी में आबादी कई गुना बढ़ी है, ऐसे में जान-माल का नुकसान भी बढ़ना लाजमी हो गया है। मालथस्य का सिद्धांत तो याद ही होगा? यही वह बड़ी वजह है जो, हमे केरल की त्रासदी के बाद भी नींद से जागने के लिए झकझोर नहीं रही है।

 

खबरो की खबर के लिए पेज को लाइक और शेयर कर लें। आपके सुझाव का भी इंतजार रहेगा।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

एक दरवाज़ा… क्या आप इस रहस्य को सहेज पाएंगे

अंजुमन की इस रहस्यमयी यात्रा में आपका स्वागत है। एक सुनसान महल, सौ दरवाज़े,...

15 अगस्त से पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन, बदलने जा रहा है राजधानी का परिवहन

पटना, बिहार की राजधानी, अब अपने मेट्रो सिस्टम के साथ एक नया युग शुरू...

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध: उपराज्यपाल का मुख्यमंत्री को पत्र, तैयारी पर उठाए सवाल

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुरानी और एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) गाड़ियों...

कपिल शर्मा ने कनाडा में खोला “Kap’s Cafe”: एक नया व्यापारिक कदम

प्रसिद्ध हास्य अभिनेता कपिल शर्मा ने अपनी नई व्यावसायिक यात्रा की शुरुआत की है।...

More like this

एक दरवाज़ा… क्या आप इस रहस्य को सहेज पाएंगे

अंजुमन की इस रहस्यमयी यात्रा में आपका स्वागत है। एक सुनसान महल, सौ दरवाज़े,...

15 अगस्त से पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन, बदलने जा रहा है राजधानी का परिवहन

पटना, बिहार की राजधानी, अब अपने मेट्रो सिस्टम के साथ एक नया युग शुरू...

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध: उपराज्यपाल का मुख्यमंत्री को पत्र, तैयारी पर उठाए सवाल

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुरानी और एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) गाड़ियों...

कपिल शर्मा ने कनाडा में खोला “Kap’s Cafe”: एक नया व्यापारिक कदम

प्रसिद्ध हास्य अभिनेता कपिल शर्मा ने अपनी नई व्यावसायिक यात्रा की शुरुआत की है।...

ट्रिनिडाड और टोबैगो बना पहला कैरेबियाई देश, भारत के UPI से डिजिटल लेन-देन की शुरुआत

भारत के BHIM ऐप और UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एक महत्वपूर्ण मील का...

इंडियन नेवी सिविलियन भर्ती 2025: 1100 ग्रुप C पदों के लिए आवेदन शुरू

इंडियन नेवी ने 2025 के लिए सिविलियन पदों पर भर्ती का ऐलान किया है।...

बिहार रोल संशोधन के लिए चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, विपक्ष ने उठाए सवाल

चुनाव आयोग ने बिहार में चल रहे निर्वाचन रजिस्टर संशोधन प्रक्रिया के दौरान एक...

रथ यात्रा 2025: घुरती रथ यात्रा आज, महाप्रभु जगन्नाथ मुख्य मंदिर लौटेंगे, उमड़ेगा भक्तों का सैलाब

रथ यात्रा 2025 का समापन आज घुरती रथ यात्रा के साथ होगा, जिसमें महाप्रभु...

UGC NET 2025 प्रारंभिक उत्तर कुंजी जारी, 8 जुलाई तक दर्ज करें आपत्तियां

 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने UGC NET 2025 की प्रारंभिक उत्तर कुंजी अपनी आधिकारिक...

पटना में गोपाल खेमका की हत्या: 2018 में हाजीपुर में हुई गुंजन खेमका की हत्या की याद दिलाती है

गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार में एक बार फिर से गंभीर अपराधों के...

6 जुलाई 2025: आज देवशयनी एकादशी पर सोने-चांदी की कीमतों में भारी उछाल

अगर आप देवशयनी एकादशी पर आज सोना या चांदी खरीदने का विचार कर रहे...

RRB NTPC उत्तर कुंजी 2025: आज है आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तारीख

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित RRB NTPC ग्रेजुएट लेवल परीक्षा 2025 की अस्थायी...

उद्धव और राज ठाकरे के गले मिलने का मतलब राजनीतिक गठबंधन नहीं

मुंबई के वरली स्थित नेशनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स डोम में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान...

रियो डी जेनेरियो में भारतीय समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (स्थानीय समय) को अपनी ब्राजील यात्रा के दौरान रियो...

एलन मस्क पर ट्रंप का बड़ा हमला: सब्सिडी खत्म करने और अमेरिका से बाहर निकालने की धमकी

अमेरिका की राजनीति में एक बड़ा टकराव सामने आया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप...
Install App Google News WhatsApp