KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ किसी तरह का औपचारिक सीजफायर समझौता नहीं हुआ है। हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी में आई कमी को केवल एक ‘सामरिक समझ’ बताया गया है, जिसका उद्देश्य है सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, लेकिन भारत की सैन्य कार्रवाई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरी तरह से सक्रिय और जारी है।
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यह स्पष्टिकरण ऐसे समय में आया है जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर कोई नया समझौता हुआ है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा 2024 में लॉन्च किया गया एक रणनीतिक सैन्य अभियान है, जिसका उद्देश्य है:
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पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र (PoK) से होने वाली घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को रोकना
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सीमा सुरक्षा को मजबूत करना
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आतंकियों के स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को ध्वस्त करना
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ड्रोन सर्विलांस और इंटेलिजेंस आधारित स्ट्राइक के ज़रिए रणनीतिक लक्ष्य साधना
‘सिंदूर’ शब्द भारतीय परंपरा में बलिदान और साहस का प्रतीक माना जाता है, और यह अभियान उसी भावना को दर्शाता है।
सरकार की स्थिति: कोई युद्धविराम नहीं, केवल आक्रामकता में कमी
विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि:
“हमने पाकिस्तान के साथ कोई औपचारिक ‘सीजफायर’ नहीं किया है। यह केवल एक सैन्य स्तर पर सहमति है जिससे अनावश्यक जान-माल की हानि को रोका जा सके। भारत अपनी सुरक्षा नीति में कोई ढील नहीं देगा।”
इस बयान का उद्देश्य था यह स्पष्ट करना कि भारत अपने सैन्य अधिकारों और रणनीतिक अभियानों को पूरी तरह से चालू रखेगा और ऑपरेशन सिंदूर में कोई विराम नहीं होगा।
पृष्ठभूमि: हाल के घटनाक्रम
तिथि | घटनाक्रम |
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मार्च 2025 | पुंछ और बारामूला में भारी गोलीबारी, पाक की तरफ से घुसपैठ की कोशिश |
अप्रैल 2025 | केरन सेक्टर में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को सेना ने मार गिराया |
मई 2025 (प्रथम सप्ताह) | पाकिस्तान ने बैकचैनल डिप्लोमैसी के ज़रिए संपर्क साधा |
11 मई 2025 | दोनों पक्षों ने सामरिक आक्रामकता को कम करने पर सहमति जताई |
12 मई 2025 | भारत ने सीजफायर की खबरों का खंडन किया, ऑपरेशन सिंदूर जारी |
सेना का दृष्टिकोण: चौकसी में कोई ढील नहीं
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार:
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सीमा पर ड्रोन गश्त और रडार निगरानी लगातार जारी है
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रात्रि गश्त और LoC पर ऑपरेशनल मूवमेंट पहले जैसे ही है
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सैन्य चौकियों पर कोई कमी नहीं की गई है
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खुफिया सूचनाओं के आधार पर स्ट्राइक ऑपरेशन जारी रहेंगे
इससे स्पष्ट है कि जमीनी स्तर पर कोई शांति या युद्धविराम जैसी स्थिति नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक स्थिति नियंत्रण है।
भारत का रुख: आतंक और बातचीत एक साथ नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की नीति रही है कि:
“आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकी ढांचे को समाप्त नहीं करता, तब तक भारत कोई औपचारिक समझौता नहीं करेगा।”
भारत की मुख्य शर्तें:
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PoK में चल रहे आतंकी शिविरों को खत्म करना
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भारत विरोधी घुसपैठ और स्लीपर सेल नेटवर्क को निष्क्रिय करना
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पुलवामा, उरी और नगरोटा जैसे हमलों की जवाबदेही तय करना
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीति
अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने भारत-पाक के बीच सीमा पर बनी शांति का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी बयान जारी कर दोनों देशों से स्थायीत्व बनाए रखने और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि:
“किसी भी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता या व्याख्या से हमारी संप्रभुता और रक्षा अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
जनता और राजनीतिक प्रतिक्रिया
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सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) ने सरकार की रणनीतिक स्पष्टता की सराहना की है
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विपक्षी दलों (कांग्रेस, आम आदमी पार्टी) ने पारदर्शिता की मांग की है
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पूर्व सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने सरकार की सतर्कता को जरूरी बताया है
सोशल मीडिया पर #OperationSindoor, #NoCeasefire और #IndiaFirst जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
भारत ने पाकिस्तान के साथ स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई स्थायी शांति समझौता नहीं, बल्कि एक सामरिक विराम है जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जब तक पाकिस्तान घातक आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाता, तब तक भारत न तो अपने सैन्य अभियान रोकेगा और न ही कोई औपचारिक सीजफायर स्वीकार करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता, सामर्थ्य और प्रतिबद्धता का प्रतीक है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक सीमा पर स्थायी शांति और सुरक्षा स्थापित नहीं हो जाती।
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