KKN गुरुग्राम डेस्क | वाराणसी, जो उत्तर प्रदेश का प्रमुख सर्राफा बाजार है, वहां सोने और चांदी की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से स्थिरता देखी जा रही है। सोने की कीमत पहले बहुत ज्यादा चढ़ी थी, लेकिन अब उसमें गिरावट आई है और अब बाजार में थोड़ी स्थिरता आई है। खासकर अक्षय तृतीया जैसे बड़े त्योहारों से पहले सोने की कीमतें स्थिर हो गई हैं। इस लेख में हम वाराणसी में सोने और चांदी की वर्तमान कीमतों और इसके बाजार पर प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
वाराणसी में सोने की कीमतों में स्थिरता
26 अप्रैल 2025 को वाराणसी में सोने की कीमत स्थिर रही। 24 कैरेट सोने की कीमत ₹98,340 प्रति 10 ग्राम थी, जो कि 25 अप्रैल 2025 को भी यही कीमत थी। इससे पहले सोने की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी थीं, जिससे निवेशकों और खरीददारों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई थी। हालांकि, अब सोने की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे बाजार में थोड़ी स्थिरता आई है।
इसके अलावा, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹90,200 प्रति 10 ग्राम थी, जो 25 अप्रैल को भी यही कीमत रही। यह स्थिरता सोने के शुद्धता की वजह से भी है, क्योंकि शुद्धता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। 18 कैरेट सोने की कीमत ₹73,800 प्रति 10 ग्राम रही, जो कि सामान्यतः सस्ता होता है और ज्यादातर उपभोक्ता इसे अपनी खरीदारी का हिस्सा बनाते हैं।
सोने की शुद्धता और हॉलमार्किंग की महत्ता
सोने की खरीदारी करते समय उसकी शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध माना जाता है और इसे सबसे अधिक पसंद किया जाता है। लेकिन यह थोड़ा मुलायम होने के कारण जल्दी खरोंच सकता है। खरीदारी से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जो सोना आप खरीद रहे हैं वह हॉलमार्क किया हुआ हो। हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी देता है और यह सुनिश्चित करता है कि सोना BIS (Bureau of Indian Standards) द्वारा प्रमाणित है।
यह सलाह दी जाती है कि बिना हॉलमार्क वाले सोने से बचें, क्योंकि उसकी शुद्धता और गुणवत्ता की पुष्टि नहीं की जा सकती। हॉलमार्क वाले सोने की खरीदारी अधिक सुरक्षित होती है और इसका मूल्य भी निश्चित होता है।
वाराणसी में चांदी की कीमतों में स्थिरता
सोने के साथ-साथ, वाराणसी में चांदी की कीमतों में भी कोई खास बदलाव नहीं आया। 26 अप्रैल 2025 को चांदी की कीमत ₹1,00,800 प्रति किलो रही, जो 25 अप्रैल को भी वही थी। चांदी की कीमतों में स्थिरता को देखते हुए कई लोग इसे खरीदने के लिए अब कम कीमत में फायदा उठा रहे हैं।
चांदी का उपयोग न केवल आभूषण के रूप में, बल्कि औद्योगिक उपयोग में भी बहुत होता है, और इस कारण से इसकी कीमतें अक्सर सोने के साथ समानांतर बढ़ती-घटती रहती हैं। हालांकि, चांदी की कीमत सोने के मुकाबले थोड़ा सस्ता होता है और यह अधिकतर छोटे निवेशकों और ग्राहकों द्वारा खरीदी जाती है।
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव कई कारणों से होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
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वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ: जब भी वैश्विक बाजार में आर्थिक अनिश्चितता होती है या महंगाई बढ़ती है, तो लोग सोने और चांदी में निवेश करने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
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स्थानीय कर और आयात शुल्क: भारत में सोने और चांदी पर लागू किए गए कर और आयात शुल्क इनकी कीमतों में महत्वपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। सरकार द्वारा इन शुल्कों में किसी भी प्रकार के बदलाव से बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
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त्योहारों का मौसम: भारत में त्योहारों के दौरान सोने और चांदी की खरीदारी बढ़ जाती है। खासकर अक्षय तृतीया, दीपावली, और दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के समय सोने की मांग में काफी वृद्धि हो जाती है, जिसके कारण कीमतों में तेजी देखी जाती है।
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वैश्विक मांग: चांदी और सोने की कीमतों पर वैश्विक मांग भी असर डालती है। यदि सोने और चांदी का उत्पादन कम होता है या दुनिया भर में इनकी मांग बढ़ती है, तो इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।
अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का प्रभाव
अक्षय तृतीया भारत का एक प्रमुख पर्व है, जब सोने की खरीदारी की परंपरा होती है। इस दिन को सोने के खरीदी के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस अवसर पर कई लोग सोना खरीदते हैं, जो बाजार में सोने की मांग को बढ़ाता है और कीमतों में वृद्धि की संभावना होती है। हालांकि, इस साल सोने की कीमत स्थिर बनी हुई है, लेकिन त्योहार के नजदीक आते ही यह कीमतें बढ़ सकती हैं।
अगर बाजार में मांग बढ़ती है, तो सोने की कीमतों में हल्का उछाल आ सकता है। हालांकि, चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं, क्योंकि चांदी की खरीदारी सोने के मुकाबले कम होती है।
वाराणसी सर्राफा एसोसिएशन के संरक्षक विजय तिवारी का विश्लेषण
वाराणसी सर्राफा एसोसिएशन के संरक्षक विजय तिवारी के अनुसार, सोने की कीमत पहले बहुत ज्यादा बढ़ी थी, लेकिन अब ₹3,000 से अधिक की गिरावट के बाद सोने की कीमतें स्थिर हो गई हैं। उनका कहना है कि सोने के भाव में आगे भी उतार-चढ़ाव हो सकता है, क्योंकि विभिन्न वैश्विक और स्थानीय कारकों का इस पर असर पड़ता है। तिवारी का यह भी मानना है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने की कीमतों में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन यह स्थिरता बनाए रखने की संभावना है।
निवेश के लिए सोने और चांदी की खरीदारी
जो लोग निवेश के रूप में सोने और चांदी की खरीदारी करना चाहते हैं, उनके लिए वर्तमान स्थिति फायदेमंद हो सकती है। स्थिर कीमतों के कारण, यह समय उन लोगों के लिए अच्छा हो सकता है, जो लंबे समय तक निवेश करने की सोच रहे हैं। सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर जब आर्थिक अनिश्चितता होती है। चांदी भी एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकती है, क्योंकि इसकी कीमत में तेजी से उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, जिससे अल्पकालिक निवेशकों को फायदा हो सकता है।
वाराणसी में सोने और चांदी की कीमतों में फिलहाल स्थिरता बनी हुई है, लेकिन बाजार में आगे उतार-चढ़ाव की संभावना बनी हुई है। अक्षय तृतीया के नजदीक आते ही सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कीमतों में हल्की वृद्धि हो सकती है। निवेशक और खरीदारों को इन स्थिरता और उतार-चढ़ाव के बारे में सही जानकारी रखनी चाहिए ताकि वे सही समय पर अपने निवेश या खरीदारी के निर्णय ले सकें।
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