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पाकिस्तान से डाक और व्यापारिक संबंध पूरी तरह बंद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त कदम

PM Modi's Kashmir development campaign enraged Pakistan

गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं। सबसे बड़ा कदम यह है कि भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी डाक और पार्सल सेवाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 पाकिस्तान से डाक सेवाओं पर रोक: अब कोई पत्र या पार्सल नहीं

भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि,

“भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि पाकिस्तान से हवाई और जमीनी मार्गों के जरिए आने वाली सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”

इस कदम का असर उन नागरिकों पर पड़ेगा जो पाकिस्तान में रहने वाले अपने परिजनों से संपर्क बनाए रखते थे, साथ ही वे छोटे कारोबारी भी प्रभावित होंगे जो सीमित ई-कॉमर्स या दस्तावेजों के आदान-प्रदान में डाक सेवाओं का इस्तेमाल करते थे।

 भारत-पाक डाक सेवा का इतिहास: पहले भी आई थी दरार

भारत और पाकिस्तान के बीच डाक सेवा पहले से ही सीमित स्तर पर जारी थी। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने डाक सेवा पर एकतरफा रोक लगा दी थी, जिसे भारत ने अंतरराष्ट्रीय डाक संधियों का उल्लंघन बताया था। बाद में यह सेवा आंशिक रूप से फिर से शुरू की गई थी।

अब, भारत ने खुद यह सेवा पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच आम नागरिकों के संवाद का एकमात्र सुरक्षित चैनल भी बंद हो गया है।

 डाक बंदी से किन लोगों पर पड़ेगा सबसे ज़्यादा असर?

  • भारत और पाकिस्तान के उन परिवारों पर, जिनका संपर्क डाक या पार्सल से होता था

  • छोटे व्यापारियों और शिपिंग एजेंसियों पर

  • सीमा पार सामाजिक संस्थाओं और शोधकर्ताओं पर

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भले ही रणनीतिक हो, लेकिन इसका असर आम लोगों की निजी जिंदगी पर भी पड़ेगा।

 भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर लगाई रोक

भारत सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए पाकिस्तान से आने वाले सभी वस्तुओं के आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के आयात पर लागू होगा।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा 2 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि:

“विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत अब पाकिस्तान से किसी भी वस्तु का आयात या ट्रांजिट अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।”

 भारत-पाक व्यापार: आंकड़ों में गिरावट पहले ही शुरू हो चुकी थी

  • अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत से पाकिस्तान को निर्यात – $44.76 मिलियन

  • पाकिस्तान से आयात – मात्र $4.2 लाख

  • मुख्य आयात: फल, सूखे मेवे, जैविक रसायन, औषधीय पौधे

यह आंकड़े दिखाते हैं कि व्यापार पहले से ही लगभग नगण्य हो चुका था, लेकिन अब सरकार ने इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।

 पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों पर भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक

भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है कि किसी भी पाकिस्तानी झंडे वाले जहाज को भारत के किसी बंदरगाह पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही भारतीय झंडे वाले जहाजों को भी पाकिस्तान के बंदरगाहों पर ठहरने से रोक दिया गया है

सरकार का कहना है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हित में लिया गया है ताकि भारतीय संपत्तियों, कार्गो और बंदरगाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 अटारी सीमा चौकी भी बंद

भारत ने अटारी सीमा चौकी पर व्यापार को भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। यह चौकी अब तक सीमित सामानों जैसे कृषि उत्पादों और निर्माण सामग्री के व्यापार के लिए खुली थी, लेकिन अब इसे भी बंद कर दिया गया है।

 पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी निष्कासित, सिंधु जल संधि निलंबित

भारत ने पाकिस्तान के एक सैन्य अधिकारी (मिलिट्री अटैशे) को देश छोड़ने का निर्देश दिया है। साथ ही, 1960 की सिंधु जल संधि को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। यह संधि दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे को नियंत्रित करती है और इसके निलंबन का व्यापक कूटनीतिक असर होगा।

पुलवामा के बाद अब पहलगाम: भारत का दोहराया गया सख्त रुख

2019 के पुलवामा हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान से व्यापारिक संबंधों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा हटाना और भारी आयात शुल्क लगाना शामिल था।

अब 2025 में पहलगाम हमले के बाद भारत ने लगभग वैसी ही नीति दोबारा लागू कर दी है, लेकिन इस बार डाक सेवा, बंदरगाह, और जल संधि तक को शामिल कर यह रुख और भी सख्त हो गया है।

 पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इन फैसलों का पाकिस्तान की डांवाडोल अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पहले ही विदेशी मुद्रा संकट, महंगाई और कर्ज़ के दबाव से जूझ रहे पाकिस्तान को अब भारत से मिलने वाले सीमित व्यापारिक लाभ भी बंद हो जाएंगे।

भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को लेकर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। चाहे वह डाक हो, व्यापार हो या कूटनीति – हर स्तर पर सख्ती दिखाई जा रही है।

यह सभी निर्णय न केवल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये यह भी दर्शाते हैं कि भारत अब सिर्फ कूटनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई के जरिए जवाब दे रहा है


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