बिहार सरकार ने स्वच्छता अभियान को शहर के साथ-साथ गांव में भी चलाने का निर्णय लिया है। योजना के तहत राज्य के सभी गांवों में डोर-टू-डोर कूड़े का उठाव होगा। गीला एवं सूखा कूड़ा को अलग-अलग करके इनका प्रसंस्करण कर वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की योजना है। इसी के साथ गांवों में नियमित रूप से नालियों की सफाई और चूना-ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव होगा। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिया है।
सचिव ने डीएम को लिखा पत्र
बिहार के प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि सभी ग्राम पंचायतों के वार्डों में दो अक्टूबर, 2019 तक हर घर से गीला और सूखा कूड़ा का संग्रहण और उसके पृथकीकरण की व्यवस्था शुरू करायी जाए। दो वार्डों पर एक गाड़ी की व्यवस्था करायी जाए, जिसका संचालन संयुक्त रूप से दोनों वार्डों के स्वच्छता कर्मी करेंगे। साथ ही कूड़ा रखने के लिए डस्टबीन की भी व्यवस्था की जाए। हर गांव में पंचायत द्वारा निर्धारित स्थल पर वर्मी कंपोस्ट इकाई बनायी जाएगी।
जीविका को मिलेगी जिम्मेवारी
योजना के मुताबिक यह कार्य जीविका संगठनों से कराया जाएगा। यदि जीविका संगठन तैयार नहीं हो तो ग्राम पंचायतों द्वारा आउट सोर्सिंग द्वारा निजी एजेंसी के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा। इसको लेकर ग्राम पंचायतें आम सहमति से स्वच्छता शुल्क भी वसूल सकती हैं।
This post was published on मई 26, 2019 12:38
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