KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) की बढ़ती समस्या पर पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस राजीव रॉय ने सुरेंद्र प्रसाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि लोग विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से जूझ रहे हैं, जिसमें ध्वनि प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या बन चुका है।
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कोर्ट ने पटना और बिहार के अन्य शहरों में बढ़ते शोरगुल और ध्वनि प्रदूषण पर नाराजगी जताई और कहा कि इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी 2025 को होगी।
High Court ने Senior Advocate को Amicus Curiae नियुक्त किया
इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता अजय को Amicus Curiae (न्यायालय का मित्र) नियुक्त किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऑर्केस्ट्रा, DJ ट्रॉली और सांस्कृतिक आयोजनों में Noise Pollution को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अजय ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण से संबंधित कानूनों में शोर नियंत्रण के स्पष्ट नियम बने हुए हैं, लेकिन लोग इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।
Loudspeaker और DJ System के अनियंत्रित उपयोग पर चिंता
वरिष्ठ अधिवक्ता अजय ने कोर्ट को बताया कि Noise Pollution Control Laws में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि:
✔ Loudspeaker इस्तेमाल करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है।
✔ लाउडस्पीकर का गलत इस्तेमाल होने पर उसे जब्त किया जा सकता है।
✔ DJ सिस्टम ने लाउडस्पीकर की जगह ले ली है, जिससे शोरगुल के स्तर में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है।
कोर्ट ने कहा कि Noise Pollution को नियंत्रित करने के लिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाने की जरूरत है।
Bihar में Noise Pollution क्यों बढ़ रहा है?
बिहार में ध्वनि प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है, खासकर पटना, मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जैसे बड़े शहरों में। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. DJ और Loudspeaker का ज्यादा इस्तेमाल
- शादी, धार्मिक कार्यक्रम, राजनीतिक रैली और अन्य सामाजिक आयोजनों में DJ Sound System का अत्यधिक उपयोग हो रहा है।
- लोग बिना अनुमति लिए तेज आवाज में संगीत बजाते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
2. वाहनों का शोरगुल और Horn Pollution
- पटना, दरभंगा और अन्य बड़े शहरों में बढ़ती ट्रैफिक समस्या के कारण गाड़ियों के हार्न का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है।
- ट्रकों, बसों और ऑटो रिक्शा में मॉडिफाइड हाई-डेसिबल हॉर्न लगाए जा रहे हैं, जो Noise Pollution बढ़ा रहे हैं।
3. Construction Sites और Industrial Noise
- बड़े शहरों में लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिससे 24 घंटे शोरगुल बना रहता है।
- फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में भी Noise Pollution एक बड़ी समस्या है।
4. सार्वजनिक कार्यक्रम और राजनीतिक सभाएं
- रैली, प्रदर्शन और चुनावी सभाओं में लाउडस्पीकर का बेधड़क इस्तेमाल किया जाता है।
- धार्मिक आयोजनों में भी तेज आवाज में भजन और गाने बजाने से ध्वनि प्रदूषण की समस्या गंभीर हो रही है।
Noise Pollution से होने वाले स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
शोर प्रदूषण (Sound Pollution) का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार तेज आवाज सुनने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जैसे:
🔴 सुनने की शक्ति कमजोर होना (Hearing Loss) – लगातार तेज आवाज में रहने से स्थायी बहरापन हो सकता है।
🔴 नींद की समस्या (Sleep Disorders) – ज्यादा Noise Pollution से अनिद्रा और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
🔴 ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज (Heart Disease) – हाई डेसिबल साउंड ब्लड प्रेशर बढ़ाने और दिल की बीमारियों को जन्म देता है।
🔴 मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन (Stress & Anxiety) – ध्वनि प्रदूषण का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे तनाव और डिप्रेशन की समस्या बढ़ती है।
सरकार Noise Pollution को कैसे नियंत्रित कर सकती है?
पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
Noise Pollution कम करने के लिए जरूरी उपाय
✔ DJ और Loudspeaker के उपयोग पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
✔ Noise Pollution की निगरानी के लिए हर शहर में Sound Meter लगाए जाएं।
✔ Noise Limit पार करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।
✔ पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चलाकर लोगों को Noise Pollution के खतरों के बारे में बताया जाए।
✔ गाड़ियों में मॉडिफाइड हाई-डेसिबल हॉर्न को पूरी तरह से बैन किया जाए।
भारत में Noise Pollution से संबंधित कानून
भारत में Noise Pollution Control के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन इनका सही इंप्लीमेंटेशन नहीं हो रहा।
मुख्य कानूनी प्रावधान
📌 Noise Pollution (Regulation and Control) Rules, 2000 – यह कानून Residential, Commercial और Industrial Zones के लिए Noise Limits तय करता है।
📌 Environment Protection Act, 1986 – इसके तहत सरकार Noise Pollution फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
📌 Indian Penal Code (IPC) की धारा 268 – इसमें शोरगुल और सार्वजनिक उपद्रव करने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
लेकिन, कानून लागू न होने की वजह से Noise Pollution की समस्या बढ़ती जा रही है।
Court ने सरकार को दी चेतावनी – Noise Pollution पर तुरंत एक्शन लें
पटना हाई कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर जल्द ही कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और खराब हो सकती है।
⚠️ Noise Pollution से प्रभावित इलाकों की मॉनिटरिंग तुरंत शुरू होनी चाहिए।
⚠️ DJ और लाउडस्पीकर के अनियमित इस्तेमाल को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।
⚠️ लोगों को जागरूक किया जाए कि तेज आवाज से स्वास्थ्य को कितना नुकसान होता है।
अब सभी की नजरें 14 फरवरी 2025 की सुनवाई पर टिकी हैं, जब सरकार को High Court के सामने जवाब देना होगा कि वह Noise Pollution को कम करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
पटना हाई कोर्ट का यह सख्त रुख दिखाता है कि Noise Pollution अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भयानक खतरा बन सकता है।
✅ Noise Pollution Control Laws को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
✅ DJ और Loudspeaker के उपयोग को सख्ती से रेगुलेट किया जाए।
✅ सरकार को जागरूकता अभियान चलाकर Noise Pollution के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार सरकार इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करती है। 🚨
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