पाकिस्तान के लोग गुस्से में है। सड़को पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटना आम हो चुकी है। आलम यह हो चुका है कि पाक पीएम इमरान खान को आवाम के नाम संदेश जारी करना पड़ रहा है। दरअसल, यह पूरी घटना ईशनिंदा के आरोप से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी की गईं एक ईसाई महिला आसिया बीबी से जुड़ी है।
थमने का नाम ही नहीं ले रहा है हिंसा
पाकिसतान में फैसले के खिलाफ पिछले दो रोज से हिंसक प्रदर्शन जारी है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान इसको लेकर कट्टरपंथियों को चेतावनी दे चुके हैं। बावजूद इसके लोगो का आक्रोश थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मामला इस्लाम का अपमान करने के आरोप से जुड़ा है। घटना वर्ष 2010 की है। चार बच्चों की मां 47 वर्षिया आसिया बीबी को ईस निन्दा कानून के तहत दोषी करार दिया गया था और उन्हें फांसी की सजा दी जा चुकी है। बीते आठ वर्ष में आशिया बीबी एकांत कारावास में है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में ईशनिंदा की दोषी क़रार दी गईं आसिया बीबी को सुनाई गई मौत की सज़ा को पलटते हुए उसे बरी कर दिया है। जिसके बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। अदालत का मानना था कि आसिया के ख़िलाफ़ जो साक्ष्य पेश किए गए वे अपर्याप्त थे। दूसरी ओर पाकिस्तान के कट़टरपंथी अब कोर्ट के निर्णय का ही विरोध करने लगे है और आसिया बीबी को फांसी देने की मांग कर रहें हैं।
हालात हुए बेकाबू
पाकिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रदर्शनों से पंजाब प्रांत सबसे अधिक प्रभावित है। यहां स्कूलों को बंद कर दिया गया है और सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट की पूरक परीक्षाएं रोक दी गई हैं। इसके अलावा सिंध और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस और अर्धसैनिक बल हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं।
निचली अदालत ने दी थी फांसी
पाकिस्तान के ईसाई महिला आसिया बीबी पर 2009 में ईशनिंदा का आरोप लगा था और 2010 में निचली अदालत ने उन्हें दोषी क़रार देते हुए फांसी की सज़ा सुनायी थी। जिसे 2014 में लाहौर उच्च न्यायालय ने बरक़रार रखा था। किंतु, अब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रयाप्त साक्ष्य के अभाव में आसिया बीबी को रिहा कर देने का आदेश दे दिया है।
आसिया बीबी के पक्षकार की हो चुकी है हत्या
पाकिस्तान के आसिया बीबी का मामला सुर्ख़ियों में तब आया, जब देश के पंजाब प्रांत के गर्वनर रहे सलमान तासीर की वर्ष 2011 में ईशनिंदा क़ानून की आलोचना और बीबी का समर्थन करने के चलते उनके अंग रक्षको ने ही उनकी हत्या कर दी। बात यही खत्म नहीं हुआ। बल्कि, तासीर की हत्या के एक महीने बाद पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शहबाज़ भट्टी की इस्लामाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बतातें चलें कि ईसाई मत को मानने वाले भट्टी ने भी इस क़ानून की निंदा की थी।
यह है पूरा मामला
दरअसल, इस घटना की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। बताया जा रहा है कि आशिया अपने खेत में काम करने के दौरान वहां मौजूद एक कुआं से पानी निकाल कर पीने की कोशिश कर रही थी। वहां मौजूद दो अन्य मुस्लिम महिलाओं ने इसका विरोध करते हुए आसिया को इसाई बता कर कुआं से पानी निकालने से मना किया। इसके बाद उन्हीं में से एक मुस्लिम महिला ने कुंआ से पानी निकाला और आसिया को पीने के लिए दिया। आसिया के पानी पीते ही मुस्लिम महिलओं ने कहा कि तुम मेरे हाथ से पानी पी चुकी हो और अब तुम मुसलमान हो चुकी हो। आसिया ने जब इसका विरोध किया तो उन दो मुस्लिम महिलाओं ने आसिया पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करा दिया। पाकिस्तान में इस्लाम का अपमान करने पर फांसी देने का प्रावधान है।