ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी से मिले अमित शाह और राजनाथ सिंह, सुरक्षा समीक्षा पर हुई अहम बैठक

Operation Sindoor: Amit Shah and Rajnath Singh Meet PM Modi After Bold Military Action in Pakistan

KKN गुरुग्राम डेस्क | 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत जोरदार मिसाइल हमला किया। इस साहसिक कार्रवाई के बाद गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे। यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण रही, क्योंकि इसमें न सिर्फ सैन्य कार्रवाई की समीक्षा की गई, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़े निर्णय लिए गए।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत का निर्णायक कदम

भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओके में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। यह ठिकाने लंबे समय से भारत में आतंक फैलाने की योजना बना रहे थे।

रक्षा मंत्रालय द्वारा देर रात 1:44 बजे जारी बयान में कहा गया, “भारतीय सेना ने उन आतंकवादी ढांचों पर हमला किया है, जहां से भारत पर हमलों की योजना बनाई जाती थी। ऑपरेशन सिंदूर इसी उद्देश्य से लॉन्च किया गया।”

पीएम मोदी से मुलाकात: ऑपरेशन की निगरानी और रणनीति

इस बड़े सैन्य ऑपरेशन के बाद गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में प्रधानमंत्री को ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने खुद इस ऑपरेशन की पल-पल की निगरानी की थी और सटीक निर्देश दिए थे।

प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया। बैठक में यह भी तय किया गया कि भविष्य में आतंकवाद से निपटने के लिए इसी तरह की निर्णायक नीति अपनाई जाएगी।

गृह मंत्रालय की सक्रियता: आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा

ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा की। उन्होंने सभी अर्धसैनिक बलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया और छुट्टी पर गए जवानों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया।

शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से संपर्क कर सीमा से लगे इलाकों में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बंकरों की तैयारी रखने के लिए भी कहा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में आम नागरिकों को शरण दी जा सके।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: “युद्ध की कार्रवाई” कहकर दी धमकी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और कहा कि उनके देश को इसका “उचित जवाब” देने का अधिकार है। हालांकि भारत की ओर से साफ किया गया कि इस हमले में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है।

भारत ने संयम बरतते हुए सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से नपी-तुली और केंद्रित कार्रवाई थी ताकि यह टकराव और न बढ़े।

क्यों जरूरी था ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूरे देश में गुस्सा था और सरकार पर जवाबी कार्रवाई का दबाव था। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस नीति” का उदाहरण भी है।

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक की हो, लेकिन इस ऑपरेशन की सटीकता और सफलता इसे खास बनाती है। सभी नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।

नागरिक सुरक्षा: सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सावधानी

गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। इन क्षेत्रों में बंकरआपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

इसके अलावा, सभी राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पाकिस्तान की ओर से प्रॉक्सी वारफेयर का खतरा है। खुफिया एजेंसियों को भी एक्टिव मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत के संयम और रणनीति की सराहना

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत की इस रणनीतिक कार्रवाई को आत्मरक्षा का अधिकार बताया है। कई देशों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसकी जमीन से आतंकवादी गतिविधियां न हों।

भारत ने इस हमले में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए सिर्फ उन ठिकानों को निशाना बनाया जो सीधे तौर पर आतंकवादी हमलों से जुड़े हुए थे। यह दर्शाता है कि भारत आक्रामक नहीं, बल्कि सतर्क और न्यायोचित रुख अपना रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सुरक्षा नीति का एक अहम मोड़ है। यह ना केवल पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह देशवासियों के लिए एक आश्वासन भी है कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर सचेत, सक्षम और सख्त है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीगृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तिकड़ी ने यह सिद्ध कर दिया कि जब देश पर हमला होता है, तो भारत मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति और सैन्य क्षमताओं का प्रतीक बनकर सामने आया है।


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