KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार में 5 अप्रैल की रात 9 बजे में 9 मिनट के लिए बिजली की खपत आधी हो गई। प्रधानमंत्री की अपील पर बिहार वासियों ने लगभग 15 मिनट तक घरों की बत्ती बुझाए रखी। बिजली कंपनी की उम्मीद से अधिक लोगों ने घरों की बिजली काटे रखी। जिसके कारण बिजली की मांग में अचानक 2350 मेगावाट की कमी आ गई। अचानक से हुई इस कमी के कारण बिजली सिस्टम ओवरलोड हो गया। लेकिन, कंपनी के कर्मचारियों की सक्रियता के कारण कोई खराबी नहीं आई ।
बिहार में हर रोज रात 7 बजे के बाद औसतन 4 हजार मेगावाट खपत हो रही है। 4 अप्रैल की रात 9 बजे 4 हजार मेगावाट खपत हुई थी। 5 अप्रैल को शाम 4 बजे 2500 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी। शाम 7 बजे यह बढ़कर 3736 मेगावाट तक आ पहुंची। 8 बजे यह 3936 मेगावाट तक आ गयी। पर, 9 बजे के पहले ही बिजली की मांग में कमी होने लगी। 9 बजे के बाद बिहार में मात्र 1650 मेगावाट बिजली सप्लाई हुई। बत्ती बुझाने के कारण 10 मिनट के भीतर ही 2350 मेगावाट की खपत कम हो गई।
बिहार में खपत होने वाली बिजली में 90 फीसदी सप्लाई एनटीपीसी से होती है। इस कारण एनटीपीसी अधिकारी भी काफी सक्रिय रहे। रिस्पांस टीम नियंत्रण कक्ष में काम कर रही थी, ताकि कांटी, नवीनगर, फरक्का, कहलगांव, बरौनी बिजली घर को चालू रखा जा सके। बिहार, झारखंड व इस्टर्न रीजन में एनटीपीसी की ओर दी जाने वाली सप्लाई में 5 हजार मेगावाट कमी आई।
पटना में बिजली कंपनी के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में बैठे इंजीनियरों के हाथ-पांव फूलने लगे। उम्मीद थी कि अधिकतम 1 हजार मेगावाट कमी होगी। कंपनी ने अपील भी की थी कि लोग सिर्फ बत्ती बुझाएं। पर जिस तरह दोगुने से अधिक की खपत कम हुई, इससे साफ हो गया कि लोगों ने घरों के मेन स्वीच ही बंद कर दिये थे। हालांकि बिजली कंपनी ने सावधानी बरतते हुए अस्पताल, थानों सहित सभी जरूरी सेवाओं के बिजली उपकरण चला दिए। भरोसा था कि 10 मिनट में सब सामान्य हो जाएगा, पर कमी लगभग 20 मिनट तक बनी रही। सामान्य होने में 30 मिनट लगे।
This post was published on अप्रैल 6, 2020 12:14
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