KKN गुरुग्राम डेस्क | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। यह घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की, जो बजट 2025 से कुछ दिन पहले की गई है।
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8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में संभावित बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य बेसिक पे और महंगाई भत्ता (DA) में सुधार करना है। हालांकि अभी तक सैलरी बढ़ोतरी की सही जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह उम्मीद है कि फिटमेंट फैक्टर, जो सैलरी और पेंशन को तय करता है, 2.57 से बढ़कर 2.86 हो सकता है।
- न्यूनतम बेसिक पे:
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम बेसिक पे ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है।
पिछले वेतन आयोगों में सैलरी बढ़ोतरी
7वां वेतन आयोग (2016)
- फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी हुई।
- सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की बेसिक पे 2.57 से गुणा की गई।
6ठा वेतन आयोग (2006)
- फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे बेसिक पे में इसी अनुपात से बढ़ोतरी हुई।
5वां वेतन आयोग (1996)
- मौजूदा स्केल के बेसिक पे में 40% बढ़ोतरी की गई।
वेतन आयोग क्या करता है?
वेतन आयोग का गठन सरकार द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य है:
- सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर की समीक्षा करना और उसमें सुधार की सिफारिश देना।
- महंगाई, आर्थिक स्थिति और आय असमानताओं जैसे पहलुओं को ध्यान में रखना।
- बोनस, भत्ते, और अन्य लाभों की समीक्षा और सुधार करना।
इसका मकसद है कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन मौजूदा आर्थिक स्थिति के अनुरूप हो।
8वें वेतन आयोग की मुख्य बातें
- कैबिनेट की मंजूरी: बजट 2025 से पहले आधिकारिक मंजूरी दी गई।
- फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि: 2.57 से 2.86 तक बढ़ने की संभावना।
- न्यूनतम बेसिक पे: ₹51,480 तक बढ़ सकता है।
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