Categories: Bihar Politics

तो एक नवयुवक बन जायेगा समाज का मशीहा

राजकुमार सहनी
यह कहानी आज से ठीक दो साल पहले शुरू हुई थी, जब बिहार में आरक्षण के लिए निषाद, मल्लाह व नोनिया समाज ने आंदोलन की शुरुआत, सन ऑफ़ मल्लाह श्री मुकेश सहनी के नेतृत्व में, निषाद विकास संघ के बैनर तले पटना के गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर के पास से की। देखते ही देखते यह आंदोलन व्यापक हो गया।
आंदोलनकारी राज्य भवन तक पैदल मार्च में जाने के लिए जैसे ही गांधी मैदान से बाहर निकले, पहले से तैनात पुलिस वालों ने बैरिकेटिंग करके रोड जाम कर आंदोलनकारियों को वही पर रोक लिया और लाठी चार्ज कर दिया। गांधी मैदान में उपस्थित लोगों को यह पता चला कि पुलिस वालों ने वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया है तो सभी लोग जेपी गोलंबर के तरफ टूट पड़े और पुलिस वालों को खदेड़ दिया तब जाकर पुलिस के डंडों से घायल हुए लोगों को पीएमसीएच ले जाया जाने लगा तो पुलिस फिर एक बार अपना दादागिरी दिखाती हुई बज्र वाहन लेकर आई और आंसू गैस का प्रयोग करके सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया।
श्री सहनी को भी गिरफ्तार करके नजरबंद कर दिया। गिरफ्तारी से जनाक्रोश भड़क गया और लोग पुलिस वालों से भिड़ने लगे। पूरे राजधानी में अफरा-तफ़री का माहौल उत्पन्न हो गया। पुलिस की बर्बरता को जब दिखाया जाने लगा तक जाकर सूबे के सीएम को यह आभास हुआ कि श्री सहनी को समाज का समर्थन प्राप्त है। जब तक किसी को कुछ समझ में आता आंदोलनकारियों ने थाना को घेर लिया जहां श्री सहनी को नजरबंद किया गया था लगातार लोगों की संख्या बढ़ते देख पुलिस द्वारा श्री सहनी को छोड़ दिया अब श्री सहनी अपने समर्थकों के साथ अन्य थानों में पहुंचकर गिरफ्तार हुए लोगों को छुड़वाने का काम किये और वहां से सीधे पीएमसीएच पहुँचे।
इसी बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी और भाजपा प्रेदेश अध्यक्ष श्री मंगल पांडेय भी घायलों से मिलने अस्पताल पहूंचे उसके बाद नेताओं का समर्थन श्री सहनी को मिलने लगा तब तक नीतीश कुमार को यह आभास हो चुका था कि उनका दाव उल्टा पड़ता जा रहा है तो उन्होंने तुरंत बारह घंटे के अंदर ही बिहार कैबिनेट से समाज को आरक्षण देने की अनुशंसा करके बिगड़े हुए माहौल को शांत करने का काम किए।
मगर केंद्र और राज्य सरकार के तकरार के कारण पिछले दो वर्षों से आरक्षण के लिए आवश्यक एथनोग्राफी रिपोर्ट का काम अटका पड़ा था, जिसको ध्यान में रखते हुए मार्च महीने में श्री सहनी समर्थकों के साथ पटना के गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गये, जिसके प्रभाव से रिपोर्ट पर कार्य फिर से प्रारंभ हुआ अभी रिपोर्ट तैयार करने का कार्य अंतिम चरण में है। गया में भी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। उसके बाद रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।

This post was published on सितम्बर 6, 2017 19:45

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राज कुमार सहनी

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