कर्नाटक उपचुनाव के नतीजे घोषित होते ही भाजपा को करारा झटका लगा है। कर्नाटक में लोकसभा की तीन और विधानसभा की दो सीटों के लिए उप-चुनाव हुए थे। इसमें कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने बीजेपी के मुकाबले शानदार जीत दर्ज कराई है। करीब डेढ़ दशक तक बीजेपी का गढ़ रही बेल्लारी सीट अब बीजेपी के हाथो से निकल जाना बड़ा संकेत माना जा रहा है।
गठबंधन ने चार सीट पर दर्ज कराई जीत
दरअसल, कर्नाटक उपचुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी ने दो लोकसभा और दो विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कराई है। गठबंधन ने लोकसभा की बेल्लारी और मांडया सीट सहित विधानसभा की जमखंडी और रामनगर सीट पर जीत दर्ज कराके बीजेपी को जबरदस्त झटका दिया है। बेल्लारी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वीएस उगरप्पा ने बीजेपी उम्मीदवार जे. शांता को करीब एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित किया। वहीं, जमखंडी में कांग्रेस के एएस न्यामगौडा ने बीजेपी के सुबाराव को 39,480 मतों के अंतर से हराया। बेल्लारी लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने 2,43,161 मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया है।
सीएम की पत्नी भी जीती
रामनगर विधानससभा सीट पर मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की पत्नी अनिता कुमारस्वामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के एल. चंद्रशेखर पर 1,09,137 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है। बतातें चलें कि चंद्रशेखर ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया था लेकिन आधिकारिक तौर पर वह पार्टी के उम्मीदवार बने रहे। चंद्रशेखर चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे और बीच चुनाव में भाजपा को छोड़ कर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए।
कॉग्रेस को मिली सहानुभूति
उत्तरी कर्नाटक के जामखंडी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार आनंद न्यामगौड़ा ने 39,480 मतों के अंतर से भाजपा के श्रीकांत कुलकर्णी को पराजित कर दिया। स्मरण रहें कि सड़क हादसे में विधायक सिद्धू न्यामगौड़ा की मौत के बाद उम्मीदवार बने उनके पुत्र को यहां सहानुभूति का लाभ भी मिला।
मांडया पर भाजपा का कब्जा
उपचुनाव के एक मात्र मांडया लोकसभा सीट पर भाजपा के नए चेहरे शिवरामे गौड़ा ने डॉ. सिद्धरमैया से 3.24 लाख मतों की निर्णायक बढ़त बना ली है। हालांकि, परिणाम की घोषणा होना अभी बाकी है। बतातें चलें कि पुराने मैसुरु क्षेत्र के वोक्कालिगा पट्टी में पड़ने वाला मांडया का यह इलाका जदएस का परंपरागत गढ़ माना जाता है।