बिहार। बेतिया व मोतिहारी में सभा को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि तीन माह पहले चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर गांधी जी के विचार-सिद्धांतों पर चलने का संकल्प जिस व्यक्ति के साथ लिया था, वह उन्हीं के सिद्धांतों को नेस्तानाबूत करने वालों से जा मिलेगा, इसका उन्हें उम्मीद नही था। लिहाजा, पूर्वी चंपारण में बापू से माफी मांगकर प्रायश्चित करने आये हैं। कहा कि नीतीश कुमार का बीजेपी से मिलकर सरकार बनाना जनादेश का अपमान ही नहीं, बल्कि गांधीवादी विचारधारा की अवमानना भी है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता आती है, जाती है। इसका काम ही है आना-जाना। इसका कोई गम नहीं। गम इस बात का है कि बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ जो वैचारिक लड़ाई शुरू हुई, उसके सामने नीतीश कुमार ने घुटने टेक दिये। गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार और आरएसएस व गोडसे के वंशजों से लड़ने को यह 28 साल का युवा तैयार है। इसी चंपारण से गांधी जी ने निलहों की समस्याओं को लेकर सत्याग्रह शुरू किया था। गैर बराबरी खत्म करने को देशव्यापी आंदोलन चलाया। वे भी आज के दिन जनादेश अपमान यात्रा शुरू कर रहे हैं। पूरे बिहार में घूम-घूमकर लोगों को बताएंगे कि जिनके खिलाफ जनादेश मिला था, उसी के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार बनायी है। उनका असली रूप लोगों को बतायेंगे।
कहा कि नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल में 75 प्रतिशत मंत्री दागी हैं। दोनों सभाओं में लोगों से 27 अगस्त को पटना में आयोजित रैली में भाग लेने को कहा। इसके पहले उन्होंने बापू की प्रतिमा के सामने दो मिनट का मौन रखा। उनके साथ उनके अग्रज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, शिवानंद तिवारी, राजद प्रदेश युवा अध्यक्ष कारी सुहैब, पूर्व सहकारिता मंत्री आलोक मेहता, विधान परिषद सदस्य तनवीर हसन, पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम आदि थे।