रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के न्योता को फिलहाल टाल दिया है। स्मरण रहें कि भाजपा अध्यक्ष ने श्री कुशवाहा को फोन करके शनिवार की सुबह नौ बजे के पहले मिलने की इच्छा जताई थी। श्री कुशवाहा ने कहा कि अभी 28 अक्टूबर तक वह जनता के साथ संवाद में हैं। लिहाजा, मुलाकात सम्भव नहीं है। लिहाजा यह तय नहीं हो पाया कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात अब होगी या नहीं। अगर होगी भी तो कब होगी, यह साफ नहीं है, क्योंकि 29 अक्टूबर के बाद का कोई समय श्री शाह ने उन्हें नहीं दिया।
कुशवाहा के इस स्टैंड से यह संकेत मिलने लगा है कि महागठबंधन में जाने को लेकर उनकी बात अंतिम चरण में है। वैसे भी शुक्रवार को एनडीए का फार्मूला तय होने के तुरंत बाद उन्होंने अरवल में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। तब ही एनडीए के प्रति अपने रुख का संकेत उन्होंने दे दिया था। रालोसपा सूत्रों के मुताबिक उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि भाजपा ने उनसे बात किये बिना ही फार्मूले की घोषणा कर दी।
सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक कुशवाहा को महागठबंधन में कम से कम पांच सीटें मिलने की उम्मीद है। चर्चाओं पर भरोसा करें तो उन्होंने सात सीट की मांग की है। खबर है कि तेजस्वी ने चार सीट देने की पेशकश कर दी हैं। तोल-मोल के बीच एक सीट और मिलने की उम्मीद भी कुशवाहा को है। ऐसे में अब रालोसपा को लेकर तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगा है। स्मरण रहें कि पिछले दिनो उपेन्द्र कुशवाहा ने यादव का दूध और कुशवाहा का चावल मिला कर खीर पकाने की जो बात कही थी, अब वह हकीकत बनने के करीब पहुंच चुका है।
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