प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन केंद्रीय सचिवालय पुनर्विकास योजना के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है। इस भवन का उद्देश्य विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर प्रशासनिक दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह भवन केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए बनाए गए कुल 10 भवनों में से पहला है। कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री मोदी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
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कर्तव्य भवन-3 का महत्व
कर्तव्य भवन-3 एक अत्याधुनिक कार्यालय परिसर है, जो लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल + छह मंजिलें) हैं। इस भवन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय स्थित होंगे। इसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाकर प्रशासन में बेहतर समन्वय और कार्यकुशलता लाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उद्घाटन अवसर पर कहा कि इस तरह की योजनाओं से न केवल सरकारी कार्यों की गति में सुधार होगा, बल्कि यह भारत के प्रशासनिक तंत्र को और भी सशक्त बनाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कर्तव्य भवन परियोजना के पूर्ण होने के बाद प्रति वर्ष 1500 करोड़ रुपये का किराया बचाने में मदद मिलेगी, जो पहले विभिन्न भवनों में सरकारी दफ्तरों के संचालन के लिए खर्च होते थे।
कर्तव्य भवन-3 की विशेषताएँ
इस अत्याधुनिक भवन में कई स्मार्ट फीचर्स को शामिल किया गया है, जो इसकी कार्यकुशलता और सुरक्षा को बढ़ाते हैं। भवन में सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर जैसी सुविधाएँ हैं। इसके अतिरिक्त, भवन में सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएँ भी शामिल हैं। यह भवन अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और ठोस कचरा प्रबंधन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करता है, जो इसे एक टिकाऊ और हरित निर्माण बनाता है।
यह भवन विशेष रूप से ऊर्जा दक्षता पर ध्यान केंद्रित करता है और इसमें 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत का लक्ष्य रखा गया है। इसमें ऊर्जा बचाने के लिए एलईडी लाइट्स, स्मार्ट लिफ्ट्स और लाइट सेंसर जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं, जो बिना जरूरत के बिजली की खपत को रोकती हैं।
अन्य कर्तव्य भवनों का निर्माण
मनोहर लाल खट्टर, जो शहरी कार्य मंत्री हैं, ने हाल ही में बताया कि अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी तैयार हो जाएंगे। इन दोनों का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है और इनका उद्घाटन भी जल्द ही किया जाएगा। इसके अलावा, अन्य सात भवनों का निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन भवनों के निर्माण में लगभग 1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन सभी भवनों का डिज़ाइन सुरक्षा, पर्यावरण मित्रता और तकनीकी उत्कृष्टता को ध्यान में रखकर किया गया है।
इन नए भवनों में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए आवश्यक सभी सुविधाएँ सुनिश्चित की गई हैं। इसके अलावा, इन भवनों की निगरानी के लिए एक केंद्रीय कमांड सीसीटीवी सेंटर भी स्थापित किया गया है, जिससे पूरे परिसर और इसके अंदर के गलियारों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी।
पुरानी इमारतों का पुनः उपयोग और पुनर्निर्माण
मंत्री खट्टर ने यह भी बताया कि मौजूदा भवनों के पुराने होने के कारण, नई इमारतों का निर्माण आवश्यक हो गया था। वर्तमान में जो मंत्रालय और विभाग 1950 से 1970 के बीच बने भवनों में स्थित हैं, वे अब अपनी पुरानी स्थिति में हैं और इनका रखरखाव महंगा और कठिन हो गया था। इन पुरानी इमारतों में शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन शामिल हैं।
इन पुराने भवनों को जल्द ही खाली किया जाएगा, और इन स्थानों पर भारत संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। इन भवनों को खाली कराकर इनकी संरचना में कोई बदलाव किए बिना, भारतीय इतिहास, संस्कृति और कला से संबंधित exhibits प्रदर्शित की जाएंगी। यह संग्रहालय महाभारत काल से लेकर आधुनिक भारत तक के विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं और संस्कृति को दर्शाएगा।
कर्तव्य पथ और सेंट्रल विस्टा परियोजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्देश्य न केवल केंद्रीय मंत्रालयों के लिए नए भवनों का निर्माण करना है, बल्कि देश की राजधानी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करना है। इस परियोजना के तहत संसद भवन, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव, कर्तव्य पथ और कई अन्य इमारतों का पुनर्विकास किया गया है।
आने वाले समय में, इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत प्रधानमंत्री के नए आवास और कार्यालय का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा, एक नया कार्यकारी एन्क्लेव भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय जैसी महत्वपूर्ण संस्थाएँ स्थित होंगी।
कर्तव्य भवन-3 के कुछ और महत्वपूर्ण आंकड़े
कुल क्षेत्रफल: 1.50 लाख वर्ग मीटर
भूतल क्षेत्रफल: 40,000 वर्ग मीटर
कुल मंजिलें: 10 मंजिलें (दो बेसमेंट सहित)
पार्किंग क्षमता: 600 कारें
बैठने की व्यवस्था: कार्य हॉल और केबिन
कॉमन सुविधाएँ: योगा, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल
कांफ्रेंस हॉल: 24 मुख्य कांफ्रेंस हॉल, प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता
छोटे कांफ्रेंस हॉल: 26, प्रत्येक में 25 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता
लिफ्ट्स: 27
भविष्य में होने वाले बदलाव
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत, कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन का जल्द ही विध्वंस किया जाएगा। इन भवनों में स्थित मंत्रालयों को नए कर्तव्य भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा, और इन मंत्रालयों को अस्थायी रूप से किराए के भवनों में शिफ्ट किया गया है। इस प्रक्रिया के दौरान, मंत्रालयों का समायोजन नए भवनों में किया जाएगा, जब ये भवन पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत सरकार के कार्यकुशलता, समन्वय और आधुनिकता की दिशा में एक नया अध्याय शुरू करेगा। कर्तव्य पथ और सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्यों से न केवल सरकारी कार्यालयों का पुनर्निर्माण होगा, बल्कि यह पूरे प्रशासनिक तंत्र को भी एक नई दिशा देगा। इन नए भवनों की अत्याधुनिक सुविधाएँ और पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन सरकार की स्थिरता और विकास की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक हैं।
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