प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर किए गए दावे पर खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को एक बार फिर पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री वर्तमान में बहुत ही कमजोर राजनीतिक स्थिति में हैं और कई मुद्दों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके चलते वह ट्रंप के बयान का खंडन नहीं कर पा रहे।
Article Contents
कांग्रेस महासचिव और संचार विभाग प्रमुख जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा करते हुए इस मामले को उठाया। उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी ने एक बार फिर संसद में असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश की है, जबकि अब सवाल यह उठता है कि वह ट्रंप के दावे का सार्वजनिक रूप से खंडन क्यों नहीं कर रहे।
जयराम रमेश का यह भी आरोप है कि ट्रंप ने अलग-अलग मंचों से लगभग 30 बार दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाया, फिर भी पीएम मोदी ने इस पर एक बार भी खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब, कतर और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में भी ऐसा दावा किया है, लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री खामोश हैं।
ट्रंप के दावे और कांग्रेस का हमला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक हालिया बयान में कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत आग्रह पर भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष को खत्म कराया। ट्रंप ने कहा कि मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं और उन्होंने उनके कहने पर पाकिस्तान के साथ युद्ध खत्म किया। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत पर 20 से 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है।
इस बयान को लेकर भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार सरकार पर हमला बोल रही है। पार्टी का कहना है कि अगर यह दावा गलत है, तो पीएम मोदी को संसद में खड़े होकर साफ-साफ कहना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस का मानना है कि यदि ऐसा नहीं कहा गया, तो यह भारत की संप्रभुता और विदेश नीति की गंभीर अवहेलना मानी जाएगी।
राहुल गांधी की चुनौती और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री को चुनौती दी थी कि अगर उनमें इंदिरा गांधी की आधी भी हिम्मत है, तो वह संसद में ट्रंप को झूठा कहें। राहुल गांधी ने कहा कि यह मामला सिर्फ विदेशी हस्तक्षेप का नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता का है।
हालांकि इसके बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए भारत पर किसी विदेशी नेता ने कोई दबाव नहीं बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा से संप्रभु राष्ट्र रहा है और रहेगा। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह बयान पर्याप्त नहीं है क्योंकि इसमें ट्रंप के दावे का स्पष्ट खंडन नहीं किया गया है।
डीजीएमओ स्तर पर हुई थी सीजफायर की बातचीत
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की सहमति सीधे दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों—यानी डीजीएमओ (DGMOs)—के बीच बातचीत का नतीजा थी। इस बातचीत में किसी भी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। यह भी बताया गया कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच एक 35 मिनट की फोन कॉल जरूर हुई थी, जिसमें मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।
इसके बावजूद, कांग्रेस का मानना है कि जब तक प्रधानमंत्री मोदी सार्वजनिक मंच पर आकर डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज नहीं करते, तब तक इस पूरे प्रकरण पर संदेह बना रहेगा।
कांग्रेस का तंज—ट्रंप नाग की तरह लिपटे हुए हैं
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने भी इस मसले पर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि ट्रंप मोदी जी के चारों ओर नाग की तरह लिपटे हैं और उनके कानों में सच्चाई फूंक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने पीएम मोदी को इस झूठ से बाहर निकलने का एक आसान रास्ता दिया था—बस उन्हें संसद में खड़े होकर कहना था कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। लेकिन चूंकि मोदी जी को राहुल गांधी की सलाह से एलर्जी है, इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया और अब फिर वही ‘नाग’ और भी कसकर लिपट गया है।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
यह मामला केवल राजनीतिक बहस तक सीमित नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप का दावा गलत है, तो उस पर चुप्पी साधना भारत की विदेश नीति को कमजोर बना सकता है। भारत ने हमेशा से यह दावा किया है कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करता, खासकर पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर। ऐसे में अगर ट्रंप के बयानों का खंडन नहीं किया गया, तो यह भारत की वैश्विक स्थिति पर असर डाल सकता है।
कांग्रेस इसी बिंदु को जोर-शोर से उठा रही है और आने वाले चुनावों में भी इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाने की तैयारी में है। पार्टी मानती है कि राष्ट्रीय स्वाभिमान और विदेश नीति को लेकर स्पष्टता होना बेहद जरूरी है, और इस विषय पर चुप रहना कहीं न कहीं कूटनीतिक कमजोरी का संकेत देता है।
डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाने का दावा किया था। कांग्रेस पार्टी इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से साफ-साफ खंडन की मांग कर रही है। हालांकि सरकार का दावा है कि सीजफायर पूरी तरह सैन्य स्तर पर हुई बातचीत का नतीजा था और किसी भी तरह की विदेशी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की गई। फिर भी प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बयान जारी करती है या यह विवाद यूं ही राजनीतिक बहस का हिस्सा बना रहेगा।
Read this article in
KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
- Click to share on X (Opens in new window) X
- More
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
- Click to share on Tumblr (Opens in new window) Tumblr
- Click to share on Pinterest (Opens in new window) Pinterest
- Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
- Click to share on Threads (Opens in new window) Threads
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
Related
Discover more from KKN Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.